नोएडा एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए ई-बस और एलिवेटेड रोड का निर्माण प्रस्तावित है।
जागरण संवाददाता, नोएडा। जेवर में बनने वाले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी के लिए प्राधिकरण दो बड़ी परियोजनाओं को लेकर शासन स्तर पर वार्ता करेगा। इसमें एक नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना सिटी में चलने वाली 500 ई-बस और दूसरी यमुना यमुना पुश्ता पर प्रस्तावित एलिवेटेड रोड है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नोडल होने के चले नोएडा प्राधिकरण के शीर्ष अधिकारी ही शासन स्तर पर अपना मत रखेंगे। यह से मंजूरी मिलने के बाद बोर्ड मे प्रस्ताव रखा जाएगा। हालांकि अंतिम निर्णय शासन ही लेगा।
बता दें कि यमुना पुश्ता पर एलिवेटेड रोड बनानी है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने एनओसी नहीं दी है। एनओसी मिलने के बाद एनएचएआइ से निर्माण के लिए आग्रह किया जाएगा। सेक्टर-94 गोलचक्कर के पास से यमुना पुश्ता रोड पर एलिवेटेड रोड बनाया जाएगा, जो सेक्टर-150 तक बनेगा।
वहां से यमुना व नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे से इसे जोड़ा जाएगा। यहां एलिवेटेड रोड बनाने को लेकर नोएडा प्राधिकरण निर्णय ले चुका है। पुश्ता की जमीन उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग का हिस्सा है। ऐसे में बिना सिंचाई विभाग की अनुमति के यहां कोई काम नहीं हो सकेगा।
नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड ने यमुना पुश्ता पर एलिवेटेड रोड का निर्माण यूपीडा से कराने का निर्णय लिया गया था। निर्माण में जितना भी खर्च आएगा उसका वहन नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण करेगा। नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में चर्चा के बाद इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई थी।
नोएडा प्राधिकरण सीईओ डा लोकेश एम पहले ये एक्सप्रेस वे छह लेन का एलिवेटेड और आठ लेन ऑन ग्राउंड बनाया जाना था लेकिन अब इसे सिर्फ एलिवेटेड रोड ही बनाया जाएगा। हालांकि अब उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की एनओसी का इंतजार है। इसके अलावा नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में 500 इलेक्ट्रिक बसें उतारने की महत्वाकांक्षी योजना फिलहाल अटक गई है।
करीब 675 करोड़ रुपये की इस परियोजना को लेकर तीनों विकास प्राधिकरण नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यीडा ने स्पष्ट कहा है कि एक साथ इतनी बसों को सड़क पर उतारना फिलहाल संभव नहीं है। पहले फेज में 250 बसों को उतारा जाए और रिस्पांस चेक किया जाए तो बेहतर आप्शन होगा। इससे तीनों प्राधिकरण पर पड़ने वाला वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) भी कम होगा और हम बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर दे सकते है।
नोएडा में 300, ग्रेटर नोएडा और यीडा में 100-100 बसें संचालित किया जाना है लेकिन डिपो, चार्जिंग स्टेशन, रूट और संचालन के लिए एसपीवी का गठन अब तक नहीं हो सका है। इतनी बड़ी संख्या में बसों का एक साथ संचालन मौजूदा परिस्थितियों में अव्यवहारिक है। सरकार से आग्रह कर रहे है कि इसे फेज और वास्तविक मांग के अनुसार किया जाए। इसी को लेकर तीनों प्राधिकरण अपना पक्ष शासन को रखेंगे। |
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