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पीएम मोदी के ध्वजारोहण से पहले अयोध्या में उत्साह; पर्यटन में उछला, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिला बूस्ट

LHC0088 2025-11-27 01:33:11 views 997

  

अयोध्या के विकास से नौजवानों के लिए खुले रोजगार के असीमित दरवाजे



डिजिटल डेस्क, लखनऊ। अयोध्या सिर्फ परंपरा का प्रहरी मात्र नहीं बल्कि भविष्य के विकास का ध्वजवाहक भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के डेडीकेशन और विजन का परिणाम है कि राम मंदिर निर्माण के बाद यह शहर केवल धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पुनर्जागरण का केंद्र बन चुका है। परिवर्तन की इस यात्रा में अयोध्या ध्वजारोहण समारोह एक ऐसा उत्सव बनकर उभर रहा है जो विकास की पूरी दास्तान को अपने भीतर समेटे हुए है। यह समारोह सिर्फ आस्था का पर्व नहीं, बल्कि एक ऐसा आयोजन है जिसने युवाओं, उद्योगों, कारीगरों और आम नागरिकों के लिए नये अवसरों का दरवाजा खोल दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

ध्वजारोहण उत्सव से अयोध्या की अर्थव्यवस्था में वृद्धि

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या अब सिर्फ एक तीर्थ नहीं बल्कि विकास की प्रयोगशाला बन चुका है। अयोध्या के ऐतिहासिक विकास ने युवाओं की ज़िंदगी में नई रोशनी, स्थानीय उद्योगों में नई सांसें और परंपरागत कला में एक नई दिशा दी है। अयोध्या में 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्री राम मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराएंगे। इस विशेष कार्यक्रम के दौरान देश और विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक आएंगे। इससे होटल, रेस्टोरेंट, टूर और ट्रेवेल्स, स्थानीय उत्पादों, ODOP के तहत गुड़ कारोबार जैसे अनेकों व्यवसाय में वृद्धि देखने को मिलेगी। अनुमान है कि अयोध्या में इस दौरान करोड़ों का कारोबार होगा।

युवाओं के लिए रोजगार की ऊँचाइयों का नया एजेण्डा

अयोध्या के ध्वजारोहण समारोह से पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियां नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगी। जब लाखों श्रद्धालु शहर की तरफ उमड़ते हैं, तो शहर की अर्थव्यवस्था भी उतनी ही तेजी से चलती है। होटल, रेस्टोरेंट, ट्रैवल एजेंसियां, सुरक्षा सेवाएं, इवेंट मैनेजमेंट कंपनियाँ और स्थानीय दुकानों के लए लाभ के दरवाजे खुल जाते हैं।

उत्तर प्रदेश में धार्मिक केंद्रों के रूप में अयोध्या-वाराणसी-प्रयागराज के पर्यटन में बड़ी उछाल आई है। इस क्षेत्र में 2017 से अब तक पर्यटकों की संख्या में 361% से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश का पर्यटन सेक्टर अगले कुछ वर्षों में 70,000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। विकास परियोजनाएं अयोध्या को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रही हैं।

“राम वन गमन पथ” का निर्माण 4,403 करोड़ रुपये से हो रहा है। ग्रीनफील्ड टाउनशिप प्रोजेक्ट 2,182 करोड़ से बन रहा है। शहर की जनसंख्या और भूमि उपयोग की योजना भी स्पष्ट है। अयोध्या शहर की वर्तमान आबादी लगभग 11 लाख है, जो 2031 तक लगभग 24 लाख और 2047 तक लगभग 35 लाख तक पहुंचने का अनुमान है। इन विकास परियोजनाओं का सीधा लाभ युवाओं को मिल रहा है। उनके लिए लिए रोजगार के नए अवसर प्राप्त हो रहे हैं।

युवाओं के लिए खुले रोजगार के असीमित दरवाजे

युवाओं के लिए जहाँ पहले रोजगार सीमित थे, वही आज अवसरों की बाढ़ आ गई है। हजारों नौजवान गाइडिंग, फोटोग्राफी, सोशल मीडिया प्रबंधन, सांस्कृतिक आयोजन, परिवहन सेवाओं, लॉजिस्टिक्स और होटल प्रबंधन में नए रोल निभा रहे हैं। इससे न केवल उनकी आय में बढ़ोतरी हो रही है बल्कि रोजगार की संभावनाओं को नए पर लग रहे हैं।

युवाओं का रुका पलायन, घर लौटती उम्मीदें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी सोच का ही परिणाम है कि अयोध्या के युवा आज रोजगार के लिए शहर नहीं छोड़ रहे, बल्कि बाहरी कंपनिया अब अयोध्या में अपनी शाखाएं खोलने में रुचि दिखा रही हैं। इससे स्थानीय युवाओं को स्थायी और सम्मानजनक नौकरी मिल रही है। 2017 से पहले युवाओं के बीच यह अवधारणा बन गई थी कि छोटे शहरों में रहने वाले युवाओं को बड़े सपने देखने का हक नहीं। करियर के नाम पर उन्हें महानगरों की दौड़ धूप में जाना ही पड़ता था। लेकिन अयोध्या ने इस मिथक को तोड़ दिया है। राम मंदिर निर्माण और अयोध्या के भव्य विकास के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि यहा से जाने वाले युवा अब वापस लौट रहे हैं।

रिवर्स माइग्रेशन शहर की आर्थिक सेहत का सबसे मजबूत संकेत

स्थानीय रोजगार में वृद्धि, व्यापारिक गतिविधियों का विस्तार और पर्यटन उद्योग के विस्तार ने युवाओं को यह भरोसा दिया है कि उनके सपने अब उनके अपने शहर में पूरे हो सकते हैं। आज अयोध्या के युवा अपने परिवारों के साथ रहकर वही कमा पा रहे हैं, जो पहले उन्हें मीलों दूर रहकर कमाना पड़ता था। यह बदलाव सिर्फ रोजगार का नहीं, बल्कि सामाजिक स्थिरता और परिवारिक मजबूती का भी प्रतीक है।

अयोध्या के विकास से ODOP उत्पाद गुड़ की विदेशों में धमक

उत्तर प्रदेश का ODOP (एक जिला, एक उत्पाद) अभियान अयोध्या की वास्तविक ताकत बनकर उभरा है। अयोध्या की काष्ठकला, गुलाब उत्पाद, धार्मिक उपहार, मूर्तिकला, राम नाम से जुड़े स्मृति चिह्न सबको देश-विदेश के बाजारों में नई पहचान मिली है।

कारीगरों के हाथों को काम, कला को सम्मान
राम मंदिर आने वाले लाखों पर्यटकों की वजह से स्थानीय उत्पादों की मांग को कई गुना बढ़ा दिया है। इससे स्थानीय कलाकारों, महिलाओं के स्वयं-सहायता समूहों और छोटे उद्यमियों को नए रोजगार के अवसर मिले हैं। ODOP ने न केवल रोजगार दिया, बल्कि कला को उसकी असली कीमत भी दिलाई है।

आज अयोध्या की कारीगरी अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफॉर्म पर बिक रही है, जो कभी सिर्फ स्थानीय बाजारों तक सीमित थी। जहां पहले कारीगरों के हाथ खाली रहते थे, वहीं आज उनकी कला की चमक लोगों के घरों और दिलों में जगह बना रही है।
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