गाजियाबाद में GRAP के बावजूद प्रदूषण गंभीर बना हुआ है। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) पाबंदियों के बावजूद जिले में पिछले आठ दिनों से प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार, रविवार को जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 437 दर्ज किया गया। बेहद जहरीली हवा के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और गले में खराश समेत कई तरह की दिक्कतें हो रही हैं। इसके बावजूद अधिकारी बेफिक्र हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और दूसरे विभागों के अधिकारी प्रदूषण रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं। प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कोई खास कार्रवाई नहीं की जा रही है। कंस्ट्रक्शन का सामान अभी भी खुले में पड़ा है। सड़कों पर धूल उड़ रही है। पुरानी गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही हैं। अवैध फैक्ट्रियां प्रदूषण बढ़ा रही हैं। संबंधित विभागों को यह दिखाई नहीं दे रहा है और सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं।
लोनी की हवा सबसे खराब, वसुंधरा का मीटर खराब
लोनी की हवा सबसे खराब बनी हुई है। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 469 के साथ गंभीर कैटेगरी में रिकॉर्ड किया गया। इंदिरापुरम का AQI 450 और संजय नगर का 393 रहा। इस बीच, वसुंधरा में लगा पॉल्यूशन मीटर रविवार को पूरे दिन काम नहीं कर रहा था, जिससे CPCB ऐप पर AQI रिकॉर्ड नहीं हो पा रहा था।
ये समस्याएं खत्म हो तो मिलेगी राहत
लोगों का कहना है कि शहर में धूल, धुआं और ट्रैफिक जाम की समस्या खत्म होने से पॉल्यूशन से काफी राहत मिलेगी। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने जिले में हॉटस्पॉट की पहचान करते हुए इन तीन वजहों को पॉल्यूशन का सबसे बड़ा कारण बताया था। इसके बावजूद, पॉल्यूशन पैदा करने वाली इन समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
CPCB और IQAir के अनुसार AQI
इलाका CPCB IQAir
गाजियाबाद (औसत)
437
282
इंदिरापुरम
450
281
लोनी
469
318
संजय नगर
393
243
वसुंधरा बैंड
353
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पिछले कुछ दिनों में जिले का AQI
तारीख AQI
23 नवंबर
437
22 नवंबर
434
21 नवंबर
422
20 नवंबर
430
19 नवंबर
422
पांच एसोसिएट प्रोफेसर को बहुत ज़्यादा प्रदूषित इलाकों के सर्वे की ज़िम्मेदारी दी गई है। वे अभी इलाकों का सर्वे कर रहे हैं। रिपोर्ट मिलने के बाद, प्रदूषण फैलाने वाले फैक्टर को खत्म करने को प्राथमिकता दी जाएगी।
-अंकित सिंह, रीजनल ऑफिसर, UPPCB।
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