टीवी के साथ ये एक्टर्स OTT के भी बने स्टार्स/ फोटो- Instagram
प्रियंका सिंह, मुंबई। छोटे पर्दे से निकलकर कई सितारों ने ओटीटी के आसमान में नई उड़ान भरी। जहां टीवी ने उन्हें घर-घर में पहचान दिलाई, वहीं ओटीटी ने विविधतापूर्ण पात्र दिए। विश्व टेलीविजन दिवस के मौके पर टीवी से ओटीटी के सफर पर बात की सितारों ने... विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आराम की आदत नहीं
कोटा फैक्ट्री वेब सीरीज के अभिनेता राजेश कुमार कहते हैं कि 26-27 साल से अभिनय कर रहा हूं, पिछले छह-सात साल को अगर छोड़ दें तो उससे पहले टीवी पर ही काम कर रहा था। मेरा रुझान कोई हीरो बनने का नहीं था, मैं खुश था महीने के 30 दिन लगातार काम कर रहा था, जिसके लिए मुझे पैसे मिल रहे थे। टीवी पर तब क्वालिटी काम हो रहा था। फिल्म में एक छोटा रोल करने से ज्यादा बेहतर था टीवी पर काम करना। टीवी मनोरंजन का माध्यम हर घर में बना, उसका फायदा यह हुआ कि हमें दूसरे निर्देशकों ने नोटिस किया और ओटीटी, फिल्मों के माध्यम खुले।
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ओटीटी पर अच्छा काम टीवी की ट्रेनिंग की वजह से ही कर पाए। सतर्कता बढ़ जाती है, माहौल को अपना लेते हैं, टीवी की वजह से लाइट्स, मार्क्स, फोकस सब आसानी से समझ आता है। डेडलाइन पर काम खत्म करना जानते हैं। सीरीज की शूटिंग के समय माहौल भले ही आरामदायक होता है, लेकिन हम आराम से वैनिटी वैन में नहीं बैठ पाते हैं। कई बार लगता है कि समय क्यों बर्बाद कर रहे हैं।
कारण समय बचाना था
टीवी के कंटेंट को लेकर कई बार सवाल उठते हैं। कहा जाता है कि वह पिछड़ा हुआ है। हालांकि अब ओटीटी पर अधिक काम कर रहीं क्रिस्टल डिसूजा ऐसा नहीं मानती हैं। वह कहती हैं कि टीवी से दूरी बनाने का कारण इसका कंटेंट भी नहीं है। मैं ओटीटी पर काम इसलिए ज्यादा कर रही हूं, क्योंकि वहां टीवी के मुकाबले समय और ऊर्जा कम लगती है। मैंने टीवी पर कभी कोई ऐसा शो नहीं किया, जो रुढ़िवादी हो। मैंने कभी बेचारी बहू का रोल नहीं किया। ओटीटी पर जाने का कारण कुछ अलग करने की चाह थी। एक ही तरह के रोल करने से काम करने का मजा खत्म हो रहा था। अब मैं जैसे रोल ओटीटी पर कर पा रही हूं, उसके बारे में दस साल पहले नहीं सोच सकती थी।
ओटीटी ने आत्मविश्वास बढ़ाया
असुर, कोहरा वेब सीरीज के अभिनेता बरुन सोबती ने भी टीवी पर खूब काम किया है। बरुन कहते हैं कि टीवी ने रोज लोगों के सामने आने के मौके दिए। मैं बतौर कलाकार सिक्योर हूं। फिर भी हर कलाकार का एजेंडा अलग होता है, किसी को पैसे और प्रसिद्धि चाहिए, किसी को कुछ और। मुझे इस पेशे में टिके रहना था, जो टीवी की वजह से हुआ। मैं आज भी बहुत ज्यादा काम नहीं करता हूं। पैसों को लेकर स्थिरता टीवी से मिल चुकी है।
इस कारण एक कदम आगे बढ़ाकर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कदम रखने का जोखिम लिया, जहां अब कई बार अच्छा काम हो, पैसे कम भी मिल रहे होते हैं तो कर लेता हूं। क्रिएटिविटी को लेकर आत्मविश्वास टीवी ने ही बढ़ाया था, जहां से स्वयं पर भरोसा करना शुरू किया था।
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