12 करोड़ खर्च करने के बाद भी पार्कों की हालत बदहाल। प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। हर महीने एक करोड़ और हर साल 12 करोड़ रुपये रखरखाव पर खर्च करने के बावजूद शहर के पार्क बदहाल हो चुके हैं। ज्यादातर पार्कों में बागवानी कचरे के ढेर लगे हैं और झूले से लेकर ओपन जिम की मशीनें तक टूट चुकी हैं। कई पार्कों में तो घास तक नहीं है। कहीं पर कचरा फैला है तो कहीं फुटपाथ तक उखड़ गए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शहर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने के लिए हर साल पौधरोपण के दावे हाेते हैं, लेकिन नगर निगम और जीएमडीए इस अभियान के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं। नतीजन, शहरवासियों को अच्छे पार्कों तक की सुविधा नहीं है। शहर में नगर निगम के अधीन 1272 पार्क हैं।
पार्कों की चारदीवारी टूटी हुई और लाइटों की भी उचित व्यवस्था नहीं है। नगर निगम गुरुग्राम ने ज्यादातर पार्क रखरखाव के लिए आरडब्ल्यूए को सौंप रखे हैं और आरडब्ल्यूए रखरखाव राशि का बजट तो निगम से ले रहे हैं लेकिन इसका उपयोग पार्कों के लिए नहीं किया जा रहा। एक तरह से हरियाली के नाम सरकारी खजाने को खाली किया जा रहा है।
इस बारे में नगर निगम के एक्सईन संदीप धुंधवाल का कहना है कि सिविल लाइन के विजयंत पार्क की मरम्मत का टेंडर लगाया गया है। इसके अलावा जो आरडब्ल्यूए पार्कों का रखरखाव नहीं कर रहे, उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है।
उजाड़ बन रहे पार्क
. विजयंत पार्क (सिविल लाइंस): कचरा, उखड़ी टाइलें, कोई ध्यान नहीं
. सेक्टर-57: 16 पार्क उजाड़, 7 महीने से काम पेंडिंग
. सेक्टर-9 (उधम सिंह पार्क): कूड़ा, टूटे झूले, सफाई बंद
. समसपुर (पार्क 3,4,5): हरियाली गायब, जिम मशीनें टूटी
. साउथ सिटी-1: सफाई नहीं, झूले-बेंच गायब, फुटपाथ टूटे
महत्वपूर्ण तथ्य
. नगर निगम क्षेत्र में कुल 1,272 पार्क
. हर महीने पार्कों पर 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट
. कुल क्षेत्रफल: 24,50,654 वर्ग मीटर
. रखरखाव शुल्क: 4.20 रुपये प्रति वर्ग मीटर |