deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

अवैध कनेक्शन पर हाई कोर्ट सख्त: JNAC से पूछा- जुस्को को कब लिखी चिट्ठी?

Chikheang 2025-11-27 04:06:50 views 523

  

फाइल फाेटो।



जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। झारखंड हाई कोर्ट ने जमशेदपुर में बढ़ते अवैध निर्माण, पार्किंग अतिक्रमण और बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट (सीसी) वाली इमारतों को बिजली-पानी कनेक्शन दिए जाने के मुद्दे पर जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (JNAC) को कड़ी फटकार लगाई है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश राजेश शंकर की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान जेएनएसी की कार्यप्रणाली और लापरवाही पर गंभीर सवाल उठाए।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें अदालत ने सख्त लहजे में पूछा कि जब जुस्को (टाटा स्टील यूआईएसएल) को म्युनिसिपल कानून की जानकारी थी, तो उसने अवैध भवनों के बिजली-पानी कनेक्शन क्यों नहीं काटे? साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा कि जेएनएसी ने आखिर जुस्को को कनेक्शन हटाने के लिए चिट्ठी कब लिखी? कोर्ट में पेश हुए अधिकारी सवाल का जवाब नहीं दे सके।

बिल्डरों और पार्किंग अतिक्रमण पर रिपोर्ट ही नहीं


राकेश झा बनाम झारखंड सरकार मामले की सुनवाई में अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि पूर्व के आदेश में हाई कोर्ट ने जेएनएसी को कई निर्देश दिए थे। इनमें पार्किंग पर कब्जा करने वालों की सूची, अवैध निर्माण वाले बिल्डरों पर हुई कार्रवाई और सीसी मिलने तथा न मिलने वाली इमारतों का टेबुलर फॉर्म में विस्तृत ब्योरा शामिल था।

इसके अलावा, अदालत ने यह जानकारी भी मांगी थी कि बिना सीसी वाली इमारतों से बिजली बिल कमर्शियल या सामान्य किस दर पर वसूला जा रहा है।

लेकिन जेएनएसी ने अपने शपथ पत्र में न तो सारणीबद्ध जानकारी प्रस्तुत की और न ही आपूर्ति दरों पर कोई विवरण दिया। अदालत ने इसे अपने आदेश की सीधी अवमानना माना और तीखी टिप्पणी की कि यह रवैया स्वीकार्य नहीं।


टाटा स्टील पर दोष मढ़ने की कोशिश को अदालत ने रोका

सुनवाई के दौरान जेएनएसी की ओर से तर्क दिया गया कि विभाग अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला रहा है और जुर्माना वसूल रहा है। साथ ही बताया गया कि जेएनएसी ने टाटा स्टील को पत्र लिखकर पूछा था कि बिना सीसी के बिजली-पानी कनेक्शन क्यों दिए जा रहे हैं।

इस पर अदालत ने उन्हें तुरंत रोकते हुए पूछा क‍ि सिर्फ चिट्ठी लिखने से क्या होगा? जुस्को को कानून पता था, तो अवैध कनेक्शन हटाए क्यों नहीं? खंडपीठ ने दोबारा पूछा कि यह चिट्ठी किस तारीख को जारी की गई, परंतु अदालत को कोई जवाब नहीं मिला।


अगली सुनवाई रिज्वाइंडर के बाद

मामले में आगे की कार्यवाही को लेकर अदालत ने याचिकाकर्ता पक्ष के अधिवक्ताओं अखिलेश श्रीवास्तव और नेहा अग्रवाल से पूछा कि वे अपना प्रतिउत्तर (रिज्वाइंडर) कब दाखिल करेंगे। अधिवक्ताओं ने तीन दिन का समय मांगा, लेकिन अदालत ने सात दिन का समय देते हुए कहा कि रिज्वाइंडर दाखिल होते ही मामले की अगली सुनवाई तय की जाएगी।
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments
Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1210K

Credits

Forum Veteran

Credits
129561