deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

IIT मद्रास ने विकसित की देश की पहली स्वदेशी पोत यातायात प्रबंधन प्रणाली, क्या है इसकी खासियत?

deltin33 2025-11-27 04:06:52 views 984

  

स्वदेशी पोत यातायात प्रबंधन प्रणाली।  



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आईआईटी मद्रास ने बंदरगाहों के लिए देश की पहली स्वदेशी पोत यातायात प्रबंधन प्रणाली विकसित करने में बड़ी सफलता हासिल की है। इस प्रणाली को बंदरगाहों में उपयोग के लिए लगाया जा रहा है। इससे न केवल पोत की आवाजाही से संबंधित रणनीतिक डाटा के लीक होने का खतरा खत्म होगा बल्कि निजी विक्रेताओं और विदेशी प्रदाताओं पर निर्भरता भी कम होगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की ओर से उल्लेखित आवश्यकताओं के आधार पर आईआईटी मद्रास स्थित राष्ट्रीय बंदरगाह, जलमार्ग और तट प्रौद्योगिकी केंद्र (एनटीसीपीडब्ल्यूसी) ने इस प्रणाली को तैयार किया है। एनटीसीपीडब्ल्यूसी प्रमुख के मुरली के अनुसार, यह प्रणाली भारतीय समुद्री क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देगी और आयात पर निर्भरता को कम करेगी।
केरल में पहले ही लागू कर दी गई यह प्रणाली

उन्होंने बताया कि स्वदेशी प्रणाली पोत की आवाजाही से संबंधित रणनीतिक डाटा के लीक होने के खतरे को खत्म करती है। मुरली ने कहा, \“यह प्रणाली आसानी से उन्नत की जा सकती है ताकि संबंधित हितधारकों की लगातार जरूरतों को पूरा किया जा सके और इसमें वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं केा शामिल किया जा सके। यह प्रणाली पहले ही केरल स्थित विझिंजम इंटरनेशनल सीपोर्ट लिमिटेड में लागू कर दी गई है। इसका उद्घाटन मई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था।\“

उन्होंने बताया, \“पश्चिमी तट पर स्थित दो अन्य बंदरगाह भी इस प्रणाली को अपनाने के लिए आइआइटी मद्रास से बातचीत कर रहे हैं। स्वदेशी पोत यातायात प्रबंधन का एक प्रमुख फायदा यह है कि सरकार के पास इसके स्त्रोत कोड, डाटाबेस और समाधान के विभिन्न पहलुओं पर पूरा रणनीतिक नियंत्रण होता है।\“

मुरली ने बताया, \“यह प्रणाली उन्नत क्षमताओं के साथ अधिक बंदरगाहों पर तैनात की जा सकती है। यह न केवल पूरी तरह सुरक्षित है बल्कि इसका रखरखाव भी किफायती है।\“
प्रणाली की विशेषताएं

स्वदेशी पोत यातायात प्रबंधन प्रणाली पूरी तरह सुरक्षित है और रखरखाव किफायती है।

हितधारकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रणाली आसानी से उन्नत की जा सकती है।

प्रणाली विकसित होने से निजी विक्रेताओं और विदेशी प्रदाताओं पर निर्भरता होगी कम।

यह भारतीय समुद्री क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देगी।

यह भी पढ़ें: छात्रों को अब आईआईटी इकोसिस्टम को देखने का मिलेगा मौका, ओपन हाउस के लिए करें रजिस्ट्रेशन
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments
deltin33

He hasn't introduced himself yet.

610K

Threads

0

Posts

1810K

Credits

administrator

Credits
181495