जागरण संवाददाता, सोनभद्र। मतदाता सूची में सुधार की प्रक्रिया के दौरान इस बार साफ्टवेयर ने बड़ी संख्या में मतदाताओं को डुप्लीकेट (दोहरी प्रविष्टि वाले) के रूप में चिह्नित कर दिया था। हालांकि अब तक किए गए जांच में 11 हजार 247 मतदाता ही सही पाए गए जो डुप्लीकेट थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके अलावा एक लाख 91 हजार 13 मतदाता सही पाए गए हैं। शेष 25 हजार 341 मतदाताओं का सत्यापन किया जाना बाकी है। साफ्टवेयर में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में डुप्लीकेट मतदाता मिलने के बाद आयोग के निर्देश पर बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) घर-घर जाकर जांच कर रहे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि जांच में अधिकांश मतदाता सही और वास्तविक पाए जा रहे हैं। इससे न केवल मतदाता, बल्कि बीएलओ भी उलझन में हैं कि आखिर तकनीकी गड़बड़ी कहां हुई। जनपद में दो लाख 27 हजार 601 डुलीकेट मतदाता चिन्हित किए गए थे।
इस तरह किया जा रहा सत्यापन
सहायक निर्वाचन अधिकारी जगरूक पटेल ने बताया कि साफ्टवेयर ने कई ऐसे मतदाताओं को डुप्लीकेट बताया है जिनके नाम, पिता का नाम या जन्मतिथि समान या मिलती-जुलती थी। इसी आधार पर सिस्टम ने उन्हें दोहरी प्रविष्टि मान लिया।
जमीनी स्तर पर जब बीएलओ जांच करने पहुंचे, तो पता चला कि मतदाता तो वर्षों से उसी घर में रह रहे हैं और उनका नाम सही तरीके से सूची में दर्ज है। कई जगहों पर एक ही परिवार के दो सदस्यों को भी गलती से डुप्लीकेट दिखा दिया गया, जिससे भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
बीएलओ का कहना है कि साफ्टवेयर की यह त्रुटि मतदाता सूची सुधार की गति को प्रभावित कर रही है क्योंकि एक-एक नाम की मैनुअल जांच करनी पड़ रही है। |