विजय कुमार चौधरी
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार की राजनीति में विजय कुमार चौधरी एक ऐसा नाम है जो स्थिर नेतृत्व, प्रशासनिक अनुभव और संतुलित राजनीतिक सोच के लिए जाना जाता है। नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद साथियों में शामिल विजय चौधरी नई सरकार के गठन के साथ एक बार फिर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने की ओर बढ़ रहे हैं। उन्हें फोन जाने के बाद यह लगभग तय माना जा रहा है कि वे मंत्रिमंडल का हिस्सा होंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विजय चौधरी का राजनीतिक सफर बेहद सधी हुई चाल का उदाहरण है। वे पेशे से वकील रहे और लंबे समय तक न्यायिक और प्रशासनिक मामलों की समझ ने उनकी राजनीतिक शैली को जिम्मेदारीपूर्ण और शांत स्वभाव वाला नेता बनाया।
2005 में पहली बार विधानसभा पहुंचे विजय चौधरी ने जल्द ही अपने प्रदर्शन से जदयू नेतृत्व का विश्वास जीता।
नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले विजय चौधरी को संगठन और सरकार के बीच समन्वय का धुरी कहा जाता है।
वे कई अहम विभागों, जैसे शिक्षा, ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य और वित्त, की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
विशेष रूप से महामारी के दौरान शिक्षा विभाग में उनकी भूमिका को व्यावहारिक और संतुलित माना गया था।
प्रशासनिक विभागों को चलाने की उनकी सादगी और फाइलों पर मजबूत पकड़ उन्हें बाकी नेताओं से अलग बनाती है।
विजय चौधरी की पहचान एक सुप्रशिक्षित संसदीय वक्ता की भी है। विधानसभा में उनकी भाषा संयमित, तर्कसंगत और तथ्यों पर आधारित होती है, जिसके कारण विपक्ष भी कई बार उनके वक्तव्यों की तारीफ़ करता रहा है।
वक्तृत्व कला और संसदीय प्रक्रियाओं की गहरी समझ के कारण वे कई बार सरकार के संकटमोचक की भूमिका भी निभाते रहे हैं।
उनकी सबसे बड़ी ताकत उनकी इमेज है, साफ-सुथरी, विवादों से दूर, और हमेशा संवाद के लिए तैयार। यही कारण है कि उन्हें नीतीश सरकार का प्रमुख स्तंभ माना जाता है।
नई सरकार में शामिल होने की संभावना के साथ यह माना जा रहा है कि विजय कुमार चौधरी एक बार फिर किसी अहम नीति-निर्माण वाले विभाग की कमान संभालेंगे।
उनका अनुभव और संतुलित नेतृत्व NDA की नई व्यवस्था में स्थिरता और प्रशासनिक मजबूती देने वाला साबित हो सकता है। |