प्रशांत किशोर(फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, जागरण। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में फ्लॉप रहने के बाद जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने अपने पोल स्ट्रैटेजिस्ट वाले अवतार में लौटने से मना कर दिया है। एनडीटीवी से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि तमिलनाडु में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में एक्टर-पॉलिटिशियन विजय को सलाह देने का उनका कोई प्लान नहीं है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्रशांत किशोर इस दौरान अपने भविष्य के योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि , “ बिहार जीतने तक मैं चैन से नहीं बैठूंगा... चाहे इसमें पांच साल लगें या 10 साल भी। मैं अपने फंडामेंटल्स नहीं बदलूंगा। मैं जाहिर तौर पर ऑपरेशनल और टैक्टिकल बदलावों (यानी, पहले चुनाव से सीखे गए सबक) का सपोर्ट करूंगा। लेकिन मैं माफिया नेताओं को अपनी पार्टी के लिए कभी लड़ने नहीं दूंगा।“
राजद पर कसा तंज
प्रशांत किशोर के \“माफिया नेताओं\“ के जिक्र को लालू यादव की पार्टी राजद पर एक तंज के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसी उम्मीद थी कि 2025 के चुनाव में राजद, बीजेपी और जदयू को चुनौती देगी, लेकिन वो जंगल राज के दाग से उबर नहीं पाई और मात्र 25 सीटें जीतने में ही सफल रही।
बता दें कि पोल स्ट्रैटेजिस्ट का काम करते हुए प्रशांत किशोर ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिर नीतीश कुमार को जीत दिलाने में मदद की थी। इसके बाद उन्होंने 2021 में बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल को बड़ी जीत दिलाई थी।
एक नाकाम पॉलिटिशियन: प्रशांत किशोर
इसके साथ प्रशांत किशोर ने कहा कि , “मैं जो कर रहा हूं, उसे जारी नहीं रखना चाहता। मैंने बहुत कुछ कर लिया है। अब मेरे लिए ब्रेक लेने का समय है...“
इसके अलावा उन्होंने नीतीश कुमार के नंबर 2 के तौर पर अपने छोटे से कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि “मैं एक नाकाम पॉलिटिशियन हूं।“ |