70 हजार रिश्वत लेने पर दो दरोगा निलंबित।
जागरण संवाददाता, हरदोई। गलत काम का गलत ही नतीजा होता है। काश यह दारोगा आकाश रोशवाल समझ लेते। उनकी तो अभी ही कुछ दिन पहले नौकरी लगी थी, जिसका उन्हें जनता को लाभ देना चाहिए था पर अभी से वह रुपयों के खेल में फंस गए और आखिरकार खुद को भी फंंसा लिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एंटी करप्शन की टीम 70 हजार रुपये लेते रंगे हाथ पकड़ने के बाद सोमवार की रात अपने साथ ले गई और वहीं से उन्हें जेल भेज दिया गया। दारोगा आकाश रोशवाल के साथ ही विवेचना करने वाले जय प्रकाश सिरोही को भी पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया है।
पुलिस कर्मियों में यह मामला चर्चा का विषय बना रहा। उनका कहना था कि अब अगर डीलिंग या अपने ही कोई किसी के लिए रुपये भेजे, हाथ नहीं लगाना है।
माधौगंज थाने के ग्राम रमजानीखेड़ा निवासी मुंशी की तरफ से दर्ज कराई गई एफआइआर में आरोपित रमीज का नाम निकालने के लिए विवेचनाधिकारी जय प्रकाश सिरोही 70 हजार रुपये मांग रहे थे। दारोगा आकाश रोशवाल लेनदेन का खेल करा रहे थे और आखिरकार वही फंसे भी।
एंटी करप्शन टीम ने सोमवार को उन्हें रंगे हाथ पकड़ने के बाद सांडी थाने पर एफआइआर दर्ज कराई थी, जिसके बाद जांच भी लखनऊ स्थानांतरित हो गई और टीम भी उन्हें अपने साथ ले गई।
पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने दारोगा आकाश रोशवाल और रुपये मांगने के आरोपित जय प्रकाश सिरोही को निलंबित कर दिया है। पुलिस कर्मियों में यह मामला चर्चा में रहा।
उनका कहना था कि अमूमन बात कोई करता है। अगर वह मौके पर नहीं होता है तो दारोगा, मुंशी या कोई रुपये ले लेता है। पर अब सोचना पड़ेगा। उसी में हाथ लगाएं, जोकि अपनी बात हो। |