राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के विद्युत वितरण कंपनियों में उपभोक्ताओं के कनेक्शन पर लगाए जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर के तेज चलने की शिकायतें आ रही हैं। अब तक कुल लगाए गए स्मार्ट प्रीपेड मीटरों में से 10 प्रतिशत तक मीटर तेज चलते हुए पाए गए हैं। जिससे इन उपभोक्ताओं के कनेक्शन पर तीन महीने से लोड बढ़कर आ रहा है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने लोड बढ़ने की थर्ड-पार्टी आडिट कराने की मांग की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट मीटर कंपनियों द्वारा लगाए गए कुल स्मार्ट प्रीपेड मीटरों में जिन मीटरों पर तीन महीने से लोड बढ़ा है, उनके आंकड़ें जारी किए हैं। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि उपभोक्ताओं से लगातार यह शिकायतें मिल रही हैं कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद उनके बिजली बिल बढ़कर आ रहे हैं।
ये हो सकते हैं बिल बढ़ने के कारण
बिल बढ़ने के केवल दो कारण हो सकते हैं, या तो उपभोक्ताओं द्वारा लिया गया लोड बढ़ गया हो या फिर रीडिंग अधिक दिख रही है। ये आंकड़ें स्मार्ट प्रीपेड मीटर की गुणवत्ता और उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं। उन्होने बताया है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में अब तक 16,95,816 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगे हैं इसमें से 1,35,982 मीटरों का लोड बढ़कर आया है।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में 10,49,029 मीटर लगाए गए हैं, इनमें से 80,875 मीटरों पर लोड तीन महीने से बढ़कर आ रहा है। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के कार्यक्षेत्र में 11,45,566 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए गए हैं, इनमें से 11,174 मीटरों का लोड बढ़ा है।
कानपुर में केस्को के 70962 मीटर
केस्को कानपुर में 70,962 मीटर लगे हैं, जिनमें से कुल 155 मीटर पर लोड तीन महीने से बढ़कर आ रहा है।इसी प्रकार पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में अब तक 9,33,101 मीटरों में से 42,212 मीटर का लोड बढ़कर आ रहा है। ये आंकड़े बता रहे हैं कि अलग अलग क्षेत्रों में लगाए गए स्मार्ट प्रीपेड मीटरों का लोड 10 प्रतिशत तक बढ़कर आया है।
विभिन्न कंपनियों के स्मार्ट प्रीपेड मीटर मानक, गुणवत्ता और समान प्रदर्शन में विफल हैं। विसंगतियां मीटरों की तकनीकी खामियों की तरफ संकेत कर रही हैं। परिषद ने मांग की है पावर कारपोरेशन इसकी गहन जांच कराए। जिन मीटरों पर लोड बढ़कर आ रहे हैं उनकी थर्ड पार्टी आडिट हो। उपभोक्ताओं को गलत बिलिंग से राहत दी जाए और दोषी कंपनियों की जवाबदेही तय की जाए। |