हाई बीपी और ब्लड शुगर: आंखों पर कैसे डालते हैं असर, जानिए (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। इन दिनों हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। यह ऐसी हेल्थ कंडीशन हैं, जिन्हे कंट्रोल करने के लिए आमतौर पर दवाओं का सहारा लेना पड़ता है। ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कंट्रोल रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि इससे सेहत पर बुरा असर पड़ता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
खासकर आंखों के लिए ये दोनों कंडीशन खतरनाक साबित हो सकती है। इस बारे में लाजपत नगर, नई दिल्ली स्थित आई7 हॉस्पिटल एवं विजन आई क्लिनिक में सीनियर मोतियाबिंद और रेटिना सर्जन डॉ. पवन गुप्ता बताते हैं कि ब्लड प्रेशर या ब्लड
शुगर में थोड़ा-सा बदलाव भी रेटिना और उसकी ब्लड वेसल्स को प्रभावित कर सकता है। आइए जानते हैं कैसे आंखों पर असर डालता है ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर में बदलाव-
ब्लड शुगर का आंख पर असर
डॉक्टर बताते हैं कि ब्लड शुगर बढ़ने से आंखों की वेसल्स से रिसाव होने लगता है, जिससे मैक्युलर एडिमा नामक कंडीशन बनती है। कुछ मामलों में, हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण ये ब्लड वेसल्स ब्लॉक होने लगती हैं, जिसे हम इस्केमिया कहते हैं और इस इस्केमिया या रेटिना को पर्याप्त खून न मिल पाने पर, शरीर नई ब्लड वेसल्स बनाने लगता है, जो आमतौर पर हेल्दी नहीं होती।
इन वेसल्स से ब्लीडिंग हो रहती है, जो आंखों से ब्लीडिंग का कारण बनता है, जिसे विट्रियस हेमरेज कहते हैं। अगर समय रहते इसे नियंत्रित नहीं किया गया और इलाज नहीं किया गया, तो इससे विजन लॉस भी हो सकता है।
ब्लड प्रेशर और आंखों का कनेक्शन
वहीं, दूसरी कंडीशन ब्लड प्रेशर की है। डॉक्टर बताते हैं कि रेटिना के वेसल्स बहुत पतले होते हैं और अगर उनमें से खून बहुत ज्यादा दबाव में बहता है, तो ब्लड वेसल्स के बंद होने की संभावना होती है। जब ब्लड वेसल्स बंद हो जाती हैं, तो वेन ऑक्युलेशन या आर्टरी ऑक्युलेशन जैसी कंडीशन हो सकती है।
जरूरी बात यह है कि अगर नसें ब्लॉक हैं, तो भी लेजर या इन्जेक्शन से इलाज कर सकते हैं, लेकिन अगर आर्टरीज ब्लॉक हो जाती है, तो इलाज थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि ज्यादातर मामलों में, खून की आपूर्ति पूरी तरह से बाधित हो जाती है और स्थायी विजन लॉस की संभावना बहुत ज्यादा होती है। एक अन्य स्थिति जिसे AION कहते हैं, उसमें ऑप्टिक नर्व, जो आंख और ब्रेन को जोड़ती है, को खून की आपूर्ति ब्लॉक हो जाती है, जो हाई ब्लड प्रेशर और हाई ब्लड शुगर दोनों के कारण हो सकती है।
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