आंध्र प्रदेश के विधायक कृष्णा रेड्डी से साइबर ठगी।
जागरण संवाददाता, जामताड़ा। Krishna Reddy Cyber Fraud Case देशभर में साइबर अपराधियों के लिए बहुचर्चित झारखंड के जामताड़ा जिले के करमाटांड़ क्षेत्र में आंध्र प्रदेश पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए हाईप्रोफाइल ठगी के मामले में तीन कुख्यात साइबर अपराधियों को धर-दबोचा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गिरफ्तार आरोपितों पर आंध्रप्रदेश के नेल्लूर जिले के कावली थाना क्षेत्र में दर्ज साइबर ठगी के मामले में कार्रवाई की गई है, जिसमें प्रदेश के एक प्रभावशाली जनप्रतिनिधि को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था।
जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपित-राकेश मंडल और संजय मंडल, दोनों हेठ करमाटांड़ के निवासी हैं, जबकि तीसरा आरोपित विवेक मंडल तेतुलबंधा का रहने वाला है। तीनों पिछले काफी समय से साइबर ठगी की घटनाओं में सक्रिय थे और पुलिस के रडार पर थे।
आंध्रप्रदेश पुलिस टीम के सब-इंस्पेक्टर एस सुमन ने बताया कि इसी साल सितंबर महीने में कावली थाना क्षेत्र में एक Cyber Fraud का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आंध्रप्रदेश के TDP MLA Dagumati Venkata Krishna Reddy से करीब 23 लाख रुपये की ठगी की गई थी।
प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ कि आरोपितों ने एक आरटीओ चालान की फर्जी एपीके फाइल भेजकर MLA के फोन में घुसपैठ की। इस फाइल के डाउनलोड होते ही उनके बैंक से जुड़े महत्वपूर्ण डिटेल्स साइबर अपराधियों के हाथ लग गए।
इसके बाद आरोपितों ने बिना किसी संदेह के MLA के खाते से 23 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर लिए। जब तक पीड़ित जनप्रतिनिधि स्थिति को समझ पाते, तब तक वे बड़े साइबर फ्राड का शिकार हो चुके थे।
मामला दर्ज होने के बाद आंध्र पुलिस ने तकनीकी जांच के आधार पर जामताड़ा का लोकेशन ट्रेस किया, जिसके बाद एक विशेष टीम को झारखंड भेजा गया। टीम ने करमाटांड़ थाना पुलिस के साथ मिलकर पिछले तीन दिनों से लगातार छापेमारी अभियान चलाया।
मंगलवार से शुरू हुई यह संयुक्त कार्रवाई गुरुवार को सफल हुई, जब तीनों शातिर साइबर ठगों को धर दबोचा गया। पुलिस का मानना है कि यह गिरोह बड़ा नेटवर्क संचालित करता है तथा अन्य कई लोग भी इससे जुड़े हो सकते हैं।
गिरफ्तार आरोपितों के पास से कई डिजिटल उपकरण, मोबाइल फोन और संदिग्ध बैंक ट्रांजैक्शन से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए हैं। आंध्रप्रदेश पुलिस आरोपितों को ट्रांजिट रिमांड पर ले जाकर आगे की पूछताछ करेगी।
पुलिस का कहना है कि इस गिरोह की गुत्थी सुलझने पर कई और हाईप्रोफाइल साइबर ठगी के मामलों का खुलासा संभव है। |