कब और कैसे धारण करें पुखराज?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही बृहस्पति देव की उपासना की जाती है। इसके अलावा, गुरुवार का व्रत भी रखा जाता है। इस व्रत को करने से मनचाही मुराद पूरी होती है। साथ ही कुंडली में गुरु मजबूत होता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ज्योतिष कुंडली में गुरु मजबूत करने के लिए भगवान विष्णु की पूजा, गुरुवार का व्रत और पुखराज धारण करने की सलाह देते हैं। पुखराज धारण करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही आर्थिक विषमता (financial relief astrology) भी दूर होती है। दो राशि के जातकों के लिए पुखराज बेहद लकी (Yellow Sapphire benefits)साबित होता है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
कब पहनना चाहिए पुखराज?
ज्योतिषियों की मानें तो पुखराज धारण करने के लिए शुभ दिन गुरुवार है। आसान शब्दों में कहें तो गुरुवार के दिन पुखराज धारण करना चाहिए। हालांकि, कृष्ण पक्ष में पुखराज धारण नहीं करना चाहिए। जिस प्रकार गुरुवार का व्रत शुक्ल पक्ष में प्रारंभ किया जाता है, उसी प्रकार शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले गुरुवार के दिन पुखराज धारण करना श्रेष्ठकर होता है। पुखराज धारण करने के लिए कई अन्य नियम भी हैं। इसके लिए योग्य पंडित या प्रकांड ज्योतिष से सलाह लेकर ही पुखराज धारण करें।
इन राशियों के लिए है लकी (Pukhraj for Sagittarius and Pisces)
धनु और मीन राशि के स्वामी देवताओं के गुरु बृहस्पति देव हैं और आराध्य जगत के पालनहार भगवान विष्णु हैं। मीन राशि में सुखों के कारक शुक्र देव उच्च के होते हैं। इसके लिए मीन राशि के जातकों पर शुक्र देव की विशेष कृपा बरसती है। इन दोनों राशि के जातकों के लिए शुभ रंग पीला है और शुभ रत्न पुखराज है। इसके लिए ज्योतिष धनु और मीन राशि के जातकों को पुखराज धारण करने की सलाह देते हैं। अगर आपकी राशि धनु या मीन है तो आप पुखराज रत्न धारण कर सकते हैं।
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