ग्रेटर नोएडा में भड़काऊ किताबें छापने का मामला दिल्ली ब्लास्ट से तो नहीं जुड़ा! एटीएस और पुलिस ने तेज की जांच

LHC0088 2025-11-12 22:38:01 views 1049
  

यही भी छापी जा रही थी भड़काऊ सामग्री।



जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। कासना कोतवाली क्षेत्र में साइट-5 में संचालित फैक्ट्री में चल रही प्रिंटिंग प्रेस में भड़काऊ किताबें छापने के मामले को दिल्ली धमाके और आतंकियों को फंडिंग से जोड़कर देखा जा रहा है। इस मामले में एटीएस, खुफिया एजेंसियों और स्थानीय पुलिस ने जांच तेज कर दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

पुलिस सूत्रों के अनुसार यूपी एटीएस की टीम फैक्ट्री पहुंचेगी। यहां फैक्ट्री के कर्मियों और गिरफ्तार किए गए आरोपी से मिलने वालों से भी पूछताछ की जाएगी। फिलहाल अभी फैक्ट्री को सील करने की कार्रवाई नहीं की गई है।

यूपी एटीएस ने चार दिन पहले दिल्ली निवासी आरोपी फरहान नबी सिद्दीकी को गिरफ्तार किया था। स्थानीय पुलिस मामला सामने के आने के बाद से जांच में जुटी है। बुधवार को पुलिस ने फैक्ट्री में काम करने वाले चार से पांच कर्मचारियों से पूछताछ की।

यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि भड़काऊ सामग्री छपी किताबें कहां-कहां और कैसे पहुंचाई जातीं थी। भड़काऊ सामग्री लिखने वाले आरोपी कौन हैं? आरोपी फरहान नबी के संपर्क में कौन-कौन थे? अब दिल्ली की घटना के बाद से इस मामले में भी जांच तेज कर दी गई है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार भड़काऊ सामग्री छापने के मामले को दिल्ली धमाके से जोड़ कर भी जांच शुरू कर दी गई है। इसी के चलते बुधवार को एटीएस की टीम दोबारा यहां पहुंचेगी। बता दें आरोपी फरहान पर धार्मिक समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने के लिए विदेश से करोड़ों की फंडिंग जुटाने और बांग्लादेशी घुसपैठियों को पनाह देने के आरोप हैं।

एटीएस की प्राथमिक जांच में सामने आया कि फरहान ने विदेश से करीब 11 करोड़ रुपये जुटाए, जिनका इस्तेमाल यूपी के अमरोहा और पंजाब में मस्जिद व मदरसे बनाने के लिए जमीन खरीदने में किया गया था।

फरहान कासना स्थित फैक्ट्री में भड़काऊ सामग्री वाली पुस्तकें और पंफलेट छापता था। यहां पर तुर्किये और जर्मनी से भी लोगों की आवाजाही होती थी। इन लोगों के आने की सूचना स्थानीय पुलिस से छिपाई जाती थी।
एटीएस की कई बिंदुओं पर जांच जारी

एजेंसियां पता कर रही हैं कि विदेश से हवाला या अन्य माध्यमों से भेजी गई रकम आरोपी तक कैसे पहुंचती थी। एटीएस को संदेह है कि यह नेटवर्क फंडिंग, प्रकाशन और विदेशी नागरिकों की मूवमेंट के सहारे वैमनस्य फैलाने और संदिग्ध गतिविधियों को बढ़ावा देने का काम कर रहा था।

एटीएस फरहान से बरामद दस्तावेज, डिजिटल रिकार्ड और वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही है। प्रकाशन इकाई में छापी पुस्तकों के सैंपल भी जब्त किए गए हैं। दिल्ली धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने जांच का दायरा भी बढ़ा दिया है।

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फैक्ट्री में काम करने वाले चार से पांच कर्मचारियों से पूछताछ की है। अभी कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है। बुधवार को एटीएस की टीम आने की संभावना है। दिल्ली में हुए धमाके से इस फैक्ट्री में संचालित गतिविधियों का कनेक्शन या एटीएस द्वारा जांच में शामिल किए जाने की कोई जानकारी नहीं है।


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धर्मेंद्र शुक्ला, कोतवाली प्रभारी, कासना
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