जमुई से बीजेपी प्रत्याशी श्रेयसी सिंह।
अरविंद सिंह, जमुई। विकास बनाम परिवर्तन की लड़ाई में जमुई जिले की सभी चार विधानसभा क्षेत्र में रिकॉर्ड तोड़ मतदान हुआ। 2020 के चुनाव में भी जमुई, झाझा और सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र में एनडीए की जीत हुई थी। चकाई में विजय का ताज पहन सुमित परिणाम की घोषणा के साथ ही एनडीए के साथ हो लिए थे। इस बार भी मुकाबला चकाई, झाझा और सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र में दिलचस्प है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जमुई विधानसभा क्षेत्र में शुरुआती दौर से ही श्रेयसी सिंह का पलड़ा भारी प्रतीत हो रहा था जो मतदान के आखिरी समय तक कायम रह गया।
हालांकि, जमुई विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं के उत्साह को मुस्लिम मतदाताओं के जोश का जवाब मिला, लेकिन यह परिणाम को प्रभावित कर सकेगा, यह कहना सही नहीं होगा।
तमाम मुद्दों के बीच जमुई विधानसभा क्षेत्र में जातीय गोलबंदी अहम रही। यहां महागठबंधन के लिए सुकून की बात यह रही कि इसके माय समीकरण में पान समाज का मजबूती से जुड़ाव आईपी गुप्ता को महागठबंधन से जोड़ने के फैसले को सही निर्णय ठहराता दिखा।
झाझा विधानसभा क्षेत्र में भी माय (मुस्लिम यादव) के साथ पान और अन्य अर्थात दामोदर और जयप्रकाश के बीच कड़ा मुकाबला हो गया। जन सुराज के एनडी मिश्रा तथा निर्दलीय मु. इरफान परिणाम को प्रभावित करने वाला कारक नहीं बन सके।
चकाई में मुकाबला एनडीए के सुमित कुमार सिंह का राजद की सावित्री देवी के साथ है। यहां संजय प्रसाद ने तीसरा कोण अवश्य बनाया, लेकिन लड़ाई में काफी पीछे दौड़ लगाते नजर आ रहे हैं।
सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र में आखिरी समय में मुसलमान मतों को समेटने की कोशिश भी राजद को बढ़त दिलाता नहीं दिख रहा है।
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