परिवहन विभाग ने देवी बसों के रूट की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाया है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। परिवहन विभाग ने अब देवी बसों के नए रूटों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए कदम उठाया है। अब देवी बसों के लिए स्टॉप बनाए जाएंगे और रूट की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। दरअसल, देवी बसों की शुरुआत के बाद से लोगों को उनके रूट की सही जानकारी नहीं मिल पा रही थी। नतीजतन, बसें चल तो रही हैं, लेकिन अक्सर खाली रहती हैं। इसी समस्या के समाधान के लिए परिवहन विभाग ने अब रूट बोर्ड लगाने का फैसला किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मौजूदा बस स्टैंडों पर देवी बसों की जानकारी तो उपलब्ध करा दी गई है, लेकिन जहां बस स्टैंड नहीं हैं, वहां दो खंभों पर बोर्ड लगाकर बस स्टॉप स्थापित किए जाएंगे, ताकि लोगों को इन बसों के बारे में जानकारी मिल सके। दिल्ली सरकार का दावा है कि आने वाले महीनों में 2,080 देवी बसें सड़कों पर उतारी जाएंगी। वर्तमान में, दिल्ली में डीटीसी और डीएमटीएस दोनों द्वारा संचालित 1,028 देवी बसें चलती हैं।
यह सेवा पूर्वी दिल्ली में शुरू की जा रही है और दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड (डीएमटीएस) ने इसके लिए निविदा जारी कर दी है। पूर्वी दिल्ली में लगभग 600 स्थानों की पहचान रूट बोर्ड लगाने के लिए की गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईआईटी दिल्ली ने बस स्टैंड पर लोगों से बातचीत करके देवी बसों के बारे में एक सर्वेक्षण किया।
इसमें बसों के बारे में संचार की कमी और संकरी सड़कों पर खड़े वाहनों के कारण होने वाली यातायात भीड़ जैसी समस्याओं का पता चला। कई बस यात्रियों ने अधिकारियों को बताया कि देवी बसों में केवल गंतव्य का नाम और नंबर ही लिखा होता है, जिससे यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि बस किन स्थानों से गुज़रेगी।
इस समस्या के समाधान के लिए, सरकार बोर्ड लगाएगी जिन पर देवी बस का रूट नंबर, वह किन स्थानों से गुज़रेगी और रूट पर पड़ने वाले मेट्रो स्टेशनों की जानकारी होगी। दिल्ली सरकार ने निवासियों को उनके घरों के नज़दीक नौ मीटर लंबी देवी बसों की सुविधा प्रदान करने के लिए 146 नए रूटों की पहचान की है। दिल्ली सरकार का दावा है कि इन रूटों को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि प्रत्येक रूट पर एक या दो मेट्रो स्टेशन शामिल हों।
प्रत्येक रूट 10 से 12 किलोमीटर लंबा है। पूरे दिल्ली क्षेत्र को छह ज़ोन में विभाजित करके देवी बसों के रूट बनाए गए हैं। दक्षिण-पश्चिम और दक्षिणी दिल्ली ज़ोन में सबसे ज़्यादा रूट (प्रत्येक में 32) हैं, इसके बाद उत्तर-पश्चिम दिल्ली ज़ोन में 27 रूट, यमुनापार में 19 रूट, पश्चिमी दिल्ली में 17 रूट और मध्य व उत्तरी दिल्ली ज़ोन में 19 रूट हैं। |