जागरण संवाददाता, बरेली। साल भर पहले कार सवार तीन युवकों की मौत का कारण बने रामगंगा नदी के अधूरे मूढ़ा पुख्ता पुल का निर्माण आज तक नहीं हो सका। इस पुल से आवागमन बंद पड़ा है। आइआइटी रुड़की के इंजीनियरों की टीम के अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर तैयार किए गए एस्टीमेट पर तीन बार आपत्तियां लग चुकी हैं, अब भी फाइल शासन स्तर पर ही लटकी हुई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बरेली के फरीदपुर और बदायूं के दातागंज को जोड़ने वाला रामगंगा नदी पर 42 करोड़ रुपये की लागत से बना 700 मीटर का मूढ़ा पुख्ता पुल पर अप्रैल 2023 में आवागमन शुरू किया गया था। पुल चालू होने के चार महीने बाद ही आई बाढ़ में पहुंच मार्ग बह गया था। तभी से पुल अधूरा पड़ा रहा, सुरक्षा के कोई इंतजाम भी नहीं किए गए।
इस बीच पिछली साल 24 नवंबर की रात गूगल के सहारे पुल पर पहुंची कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें कार सवार तीन युवकों की जान चली गई थी। उस समय बरेली से लेकर लखनऊ तक खलबली मची थी। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराकर उन्हें निलंबित किया गया।
शासन से आदेश जारी हुआ कि आइआइटी रुड़की के इंजीनियरों ने अध्ययन रिपोर्ट में पुल की लंबाई 150 मीटर बढ़ाने के सुझाव दिए। उनकी रिपोर्ट के आधार पर एस्टीमेट तैयार किया जाए। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने अध्ययन के लिए शुल्क जमा किया, जिसके तीन महीने बाद इंजीनियरों की टीम मौके पर पहुंची और अध्ययन रिपोर्ट उपलब्ध कराया।
अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर सेतु निगम और लोक निर्माण विभाग ने 140 करोड़ रुपये का एस्टीमेट शासन को छह महीना पहले भेज दिया। शासन स्तर पर वित्तीय कमेटी तीन बाद एस्टीमेट पर आपत्तियां लगा चुकी है, जिसका विभागीय अधिकारी निस्तारण भी करा चुके हैं, लेकिन अभी तक स्वीकृति और बजट अभी तक नहीं जारी किया जा सका है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि निर्णय शासन स्तर पर वित्तीय कमेटी के द्वारा ही लिया जाना है, प्रयास किए जा रहे हैं कि जल्द बजट का आवंटन हो जाए ताकि अधूरे पुल को पूरा कराकर आवागमन चालू कराया जा सके।
फरीदपुर और दातागंज के बीच रामगंगा के अधूरे मूढ़ा पुख्ता पुल को पूरा कराने के लिए आइआइटी रुड़की के इंजीनियरों की अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर सेतु निगम और लोक निर्माण विभाग का 140 करोड़ रुपये का एस्टीमेट शासन को भेजा जा चुका है। वित्तीय कमेटी इसका आंकलन कर रही है। कुछ आपत्तियां लगी थीं, जिनको दूर कराया जा चुका है। स्वीकृति और बजट आवंटन का इंतजार किया जा रहा है। बजट मिलते ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा।
- केके सिंह, अधीक्षण अभियंता पीडब्ल्यूडी |