खाद भरपूर होने का दावा, किसान परेशान, समितियों का काट रहे चक्कर, व‍िभाग ने दी सफाई

deltin33 2025-11-11 22:38:00 views 816
  



जागरण संवाददाता,रामपुर। सहकारी समितियों से लेकर गोदाम तक पर विभाग किसानों की आवश्यकता के हिसाब से खाद भरपूर होने का दावा कर रहा है लेकिन खाद के लिए सहकारी समितियों पर कहीं किसान चक्कर काट रहे हैं तो कहीं किसानों की लाइन लग रही है। घंटों इंतजार के बाद भी दो-तीन कट्टों से अधिक खाद नहीं मिल रही है। इस कारण किसानों को अपनी खतौनी लेकर बार बार चक्कर काटने पड़ रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

वर्तमान में गेंहू्, मटर, सरसों, चना, आदि फसलों की बुआई का समय चल रहा है। इनकी बोआई के लिए किसानों को खाद की आवश्यकता पड़ रही है। इसके लिए ही किसान समितियों पर जा रहे हैं लेकिन उन्हें उनकी मांग के हिसाब से खाद उपलब्ध नहीं हो रही है। दो कटटे देकर चलता किया जा रहा है।

जिला कृषि अधिकारी कुलदीप सिंह राणा ने बताया कि जनपद के निजी एवं सहकारिता क्षेत्र में खाद की कोई समस्या नहीं है। भरपूर होने का दावा किया। बताया कि 19924 टन यूरिया, 5330 टन एनपीके और 4423 टन डीएपी उपलब्ध है। छह नवंबर को 1334 टन केएफएल कंपनी की यूरिया की एक रैक निजी क्षेत्र में प्राप्त हुई है, जिसमें 20 प्रतिशत यूरिया सहकारी समितियों एवं अवशेष 80 प्रतिशत यूरिया निजी क्षेत्र में प्रेषित की जाएगी।
अब समितियों पर फार्मर रजिस्टरी बनवाने वा ले किसानों को ही मिलेगी खाद

कोआपरेटिव के एआर डा.गणेश गुप्ता ने बताया कि अब सहकारी समितियों पर खाद उन्हीं किसानों को दी जाएगी। जिन्होंने अपनी फार्मर रजिस्ट्री बनवा ली है। इसके निर्देश उच्चाधिकारियों की ओर से प्राप्त होने पर सभी समितियों पर भेज दिए गए हैं। स्टाफ को निर्देश दिए गए हैं कि फार्मर रजिस्ट्री नहीं बनवाने वाले किसानों को खाद का वितरण नहीं किया जाए।
खाद न मिलने से परेशान किसान, टाहकला समिति पर सारा दिन लगाते रहे चक्कर

संवाद सहयोगी, जागरण स्वार। क्षेत्र के किसानों को इस समय सबसे अधिक जरूरत खाद की है, लेकिन सरकारी समितियों की लापरवाही के चलते किसान परेशान होकर खाली हाथ लौटने को मजबूर हैं। मिलक खानम क्षेत्र की टाहकला सहकारी समिति पर खाद होने के बावजूद वितरण न किए जाने से किसानों में नाराजगी देखने को मिली।

रबी की फसल गेंहू की बुआई का समय है। किसान अपनी जमीनों की जुताई-बोवाई पूरी कर चुके हैं। खाद की जरूरत के चलते समितियों के चक्कर काट रहे हैं। टाहकला समिति पर शनिवार को खाद की गाड़ी तो पहुंच गई थी लेकिन स्टाफ की कमी के कारण वितरण कार्य पूरे दिन ठप रहा था। सुबह से लाइन में खड़े किसानों को शाम तक मायूसी हाथ लगने पर वे बिना खाद के वापस लौट गए थे।

इससे गेंहू की बुआई में देरी होने की आशंका बढ़ गई है। समिति के एमडी शाकिर अली ने बताया कि समिति पर खाद के करीब 500 बोरे उपलब्ध थे, लेकिन कर्मचारियों की कमी के चलते शनिवार को वितरण नहीं हो सका था। सोमवार से उपलब्ध खाद का वितरण शुरु करा दिया है।
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