क्यों शुभ नहीं माना जाता बनारस से गंगाजल लाना, जानिए इसके पीछे का रहस्य

cy520520 2025-11-11 19:44:32 views 1255
  

मोक्ष की नगरी बनारस (Picture Credit: Freepik)  



धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गंगा के किनारे बसा, बनारस एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है, जो प्राचीन होने के साथ-साथ आध्यात्मिक दृष्टि से भी काफी महत्व रखता है। साथ ही इस नगरी का संबंध भगवान शिव से माना गया है। आमतौर पर हरिद्वार और प्रयागराज से गंगाजल लाना बेहद शुभ माना जाता है। वहीं बनारस से गंगाजल लाने की मनाही होती है, जिसके पीछे एक खास कारण माना गया है।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसलिए नहीं लाया जाता गंगाजल

बनारस, जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है, मोक्ष की नगरी कहलाती है। बनारस में मौजूद मणिकर्णिका घाट पर रोजाना कई लोगों का दाह संस्कार होता है और उनकी राख को गंगा में प्रवाहित किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे मृतक जन्म-मरण के च्रक से मुक्त हो जाता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। बनारस से गंगाजल लाने की मनाही है, क्योंकि यह माना जाता है कि बनारस से गंगाजल लाने पर अनजाने में मृत आत्माओं के अवशेष या राख जल के साथ आ सकते हैं, जो उनकी मुक्ति में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।

  

इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि इस स्थान के गंगाजल में कई जीवों के स्पर्श होते हैं, जो मोक्ष के लिए भटक रहे होते हैं। साथ ही यहां पर तांत्रिक अनुष्ठान और मोक्ष कर्म भी किए जाते हैं। ऐसे में इस स्थान से गंगाजल को घर लाने से आपको लाभ के स्थान पर नकारात्मक परिणाम का सामना करना पड़ सकता है।

  

(Picture Credit: Freepik)
यह भी कहती हैं मन्यताएं

बनारस को लेकर यह कहा जाता है कि अगर वहां से गंगाजल या मिट्टी को अपने साथ लाया जाए, तो इससे आपको पाप लग सकता है। जिसके पीछे यह कारण माना जाता है कि यहां की मिट्टी और जल लाने से आप इसमें मौजूद जीवों को आप मोक्ष से वंचित कर देते हैं, जिस कारण आपको पाप का सामना करना पड़ सकता है।

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