दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है।
डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) प्रमुख उमर अब्दुल्ला और भाजपा नेता सुनील शर्मा के बीच राजनीतिक टकराव सोमवार को भी जारी रहा। इससे एक दिन पहले अब्दुल्ला ने कुरान की कसम खाकर उन दावों का खंडन किया था कि उन्होंने 2024 में भाजपा से गठबंधन के लिए संपर्क किया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गत रविवार को भाजपा नेता सुनील शर्मा ने अब्दुल्ला को कुरान की कसम खाने की चुनौती दी थी और उन पर राज्य का दर्जा बहाल करने के बदले में भाजपा से गुप्त रूप से समर्थन मांगने का आरोप लगाया था।
अब्दुल्ला ने इंटरनेट मीडिया पर जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने 2024 में राज्य का दर्जा या किसी अन्य उद्देश्य के लिए भाजपा के साथ कोई गठबंधन नहीं किया है।
आज सोमवार को एक बार फिर मीडिया कर्मियों को बयान देेते हुए शर्मा ने कहा कि उमर अब्दुल्ला ने खुद संकेत दिया था कि भाजपा सदस्यों ने उन्हें एक पद की पेशकश की थी, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया था।
शर्मा ने कहा कि उन्होंने इससे संबंधित कुछ वीडियो क्लिप भी इंटरनेट मीडिया पर साझा किए हैं जिनसे यह पता चलता है कि अब्दुल्ला ने पहले भाजपा प्रतिनिधियों के साथ राजनीतिक बातचीत पर विचार किया था, जिसमें दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात भी शामिल थी।
शर्मा ने अब्दुल्ला के सार्वजनिक बयानों पर सवाल उठाते हुए कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने कुरान की कसम खाते हुए भाजपा के दावों का खंडन किया था।
शर्मा ने कहा कि वीडियो क्लिप में अब्दुल्ला को यह कहते हुए दिखाया गया है कि उन्हें एक सीट की पेशकश की गई थी और उन्होंने भाजपा नेताओं को “मूर्ख“ कहा था, जो उनके वर्तमान दावों के विपरीत है।
शर्मा ने आगामी बडगाम उपचुनाव पर भी बात की और कहा कि मतदाताओं का उत्साह काफ़ी ज़्यादा है। भाजपा ने सक्रिय रूप से प्रचार किया था और चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी को जनता का स्पष्ट समर्थन मिला था।
उन्होंने कहा कि उपचुनाव का नतीजा मतदाता तय करेंगे, हालांकि उन्होंने कोई विशेष भविष्यवाणी नहीं की। |
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