समाज कल्याण विभाग की तस्वीर।
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। हजार रुपये आज के दौर में बहुत ज्यादा तो नहीं, लेकिन उन बुजुर्गों के लिए बहुत कुछ थे, जिनकी जिम्मेदारी अब उनके बच्चे उठा रहे हैं। दवा व रोजमर्रा की दैनिक जरूरत के लिए बार बार हाथ ने फैलाना पड़े इसलिए महीने में आने वाली इस सरकारी पेंशन का इंतजार रहता था, लेकिन अच्छी खासी तनख्वाह पाने वाले राजेश कुमार की नजर इन गरीबों को सरकार की ओर से मिलने वाली इस मदद पर लग गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ढाई करोड़ रुपये से अधिक का हुआ था फर्जीवाड़ा, 14 लोगों पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी
उसने अपने साथियों के साथ फर्जी खाते जुटाए और 2390 गरीब बुजुर्गों की ढाई करोड़ रुपये की पेंशन हड़प गया। जिससे वाहन व जमीनें खरीदीं। देर से ही उसे अपने करनी का फल मिल गया है। शासन ने उसे बर्खास्त कर दिया है, जिसके बाद अब उसकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। गत सप्ताह पुलिस ने दो आरोपितों की संपत्ति भी कुर्क की थी हालांकि संयुक्त निदेशक समाज कल्याण के निर्देश के बाद भी अभी 10 जिलों के समाज कल्याण अधिकारियों ने राजेश के बैंक खातों का ब्योरा नहीं दिया है।
जमानत पर चल रहा आरोपित, गैंग्सटर एक्ट के तहत भी हुई थी कार्रवाई
2.52 करोड़ के वृद्धावस्था पेंशन फर्जीवाड़ा के मुख्य आरोपित निलंबित जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय के आत्मसमर्पण कर दिया। फर्जीवाड़ा में शामिल दो अन्य लोगों के साथ उन्हें शनिवार को जेल दिया गया। आरोपितों के पास से लैपटाप, मोबाइल फोन, बैंक पासबुक अधिकारियों की मुहर आदि सामग्री बरामद हुई है।
घोटाले की रकम से खरीद लिए थे वाहन व जमीन, कुर्क करके होगी रिकवरी
दैनिक जागरण में अप्रैल 2023 में प्रकाशित पेंशन घोटाले की खबर के बाद पूर्व जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह ने जांच कराई थी, जिसमें पुलिस टीम ने समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार के मोबाइल की सीडीआर (काल डिटेल रिपोर्ट) निकलवाई।
इसके आधार पर साक्ष्य जुटाए। वृद्धावस्था पेंशनरों के बैंक खाते परिवर्तन कर रुपये गबन करने की पुष्टि हुई। दोषी पाए जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार को खिलाफ निलंबन की संस्तुति की छह अगस्त को शासन ने निलंबित कर उच्चस्तरीय जांच शुरू करा दी थी। तीन महीने की जांच में दो करोड़ 52 लाख 39 हजार रुपये पेंशन का घपला उजागर होने पर रिकवरी के आदेश थे।
आरोपितों को भेजा जेल
पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी वंदना सिंह की ओर से 19 सितंबर 2023 को राजेश कुमार समेत सीतापुर निवासी विशाल सक्सेना, सूरज, खुशाल तथा जनपद के अल्हागंज निवासी शाकिब, रामऔतार, सतीश कश्यप तथा पल्हौरा गांव निवासी पप्पू आदि के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोपितों को जेल भेज दिया गया था। फरार चल रहे जेश ने गत वर्ष फरवरी में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में पहुंचकर समर्पण कर दिया था। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। घोटालेमें लिप्त रामौतार, जयपाल कश्यप व सीतापुर के ग्राम कचनार निवासी अनूप कुमार को भी जेल भेजा गया था
इनसे मिली जांच में मदद
आरोपितों से कई वस्तुएं बरामद हुईं थीं, जिनसे जांच में मदद मिली। इनमें एक लैपटाप, छह मुहरें, 146 आधार कार्ड की छायाप्रति व 146 आइडी की छायाप्रति, 51 पासबुक कार्ड, 25 बैंक पासबुक, चार मोबाइल फोन, 14 सूची खाता संख्या आदि बरामद हुई थी।
संपत्ति जब्त करके होगी रिकवरी
राजेश को रिमांड पर लेकर पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो पता चला कि घोटाले की रकम से लखनऊ में तीन मकान व सीतापुर में हाईवे किनारे जमीन खरीदी। चार लग्जरी वाहन भी खरीदे। जिनका ब्योरा जुटाकर इन्हें जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है। |