Bihar Election: चुनाव प्रचार के बाद भूले गिले-शिकवे, एयरपोर्ट पर गले मिलते दिखे पक्ष-विपक्ष के नेता

deltin33 2025-11-10 02:37:48 views 648
  

एयरपोर्ट पर नेताओं की हुई मुलाकात। (फोटो- इंटरनेट)



जागरण संवाददाता, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के प्रचार के साथ रविवार शाम चुनावी शोरगुल थम गया। प्रचार अभियान में राजनीतिक दलों के नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर वार किए, तीखे भाषण दिए और मंच से विरोधियों पर निशाना साधा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

मंच पर ये नेता एक दूसरे पर व्यंग करते रहे लेकिन जब पटना एयरपोर्ट मिले तो सियासत में विरोध, दुश्मनी नहीं की कहावत चरितार्थ करते दिखे। एयरपोर्ट पर पूरा नजारा बदला-बदला नजर आया। जहां मंच पर शब्दों की तलवारें चलीं, वहीं एयरपोर्ट पर अपनापन व सौहार्द्र की तस्वीर देखने को मिली।

चुनावी सभाओं में आरोप-प्रत्यारोप का दौर पूरे अभियान के दौरान जारी रहा। नेताओं ने एक-दूसरे की नीतियों पर सवाल उठाए, वादों की सच्चाई पर बहस की और जनता से वोट के लिए भावनात्मक अपीलें कीं।

कई बार मंचों पर शब्दों की गर्मी इतनी बढ़ गई कि सियासी तापमान आसमान छूने लगा। मगर चुनाव प्रचार की समाप्ति के साथ ही इस गर्मी की जगह एक ठंडी हवा ने ली।

प्रचार के दौरान एक शाम उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व उत्तर प्रदेश भाजपा नेता उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य प्रचार के बाद साथ निकलते दिखे। वहीं, शुक्रवार की शाम लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र व जनशक्ति जनता दल के नेता तेज प्रताप यादव व उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से सांसद रवि किशन एक दूसरे से गले मिले।

सबसे चर्चित मुलाकात भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के दो अभिनेताओं की रही। अभिनेता व दिल्ली से भाजपा के सांसद मनोज तिवारी व छपरा राजद प्रत्याशी व भोजपुरी अभिनेता खेसारी लाल यादव भी मिले।

खेसारी ने शनिवार को एयरपोर्ट के अंदर मनोज तिवारी का पैर छूकर आशीर्वाद लिया, तो मनोज तिवारी ने खेसारी लाल यादव को गले लगा लिया। बता दें कि मनोज तिवारी ने छपरा में भाजपा प्रत्याशी का प्रचार किया था। छपरा से विपक्ष में राजद से खेसारी उम्मीदवार थे। चुनाव के दौरान दोनों एक दूसरे पर राजनीतिक हमले करते दिखे थे।

रविवार शाम पटना एयरपोर्ट पर एनडीए और महागठबंधन के कई वरिष्ठ नेता एक साथ नजर आए। विश्लेषकों का मानना है कि बिहार की राजनीति में यह दृश्य सकारात्मक संकेत है। मंच पर मतभेद और वाद-विवाद लोकतंत्र का हिस्सा हैं, लेकिन निजी संबंधों में संवाद और सम्मान को बनाए रखना राजनीतिक परिपक्वता की निशानी है।

चुनावी जंग भले खत्म हो गई हो, पर इस दिन पटना एयरपोर्ट पर दिखी तस्वीर ने यह संदेश दिया सियासत में विरोध जरूरी है, दुश्मनी नहीं।
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