परिवहन निगम के चालक-परिचालक नहीं चला पाते अग्निशमन यंत्र।
संवाद सूत्र, अंबेडकरनगर। परिवहन निगम के चालक को सफर में आग घटना अन्य हादसों में स्वयं सुरक्षित एवं यात्रियों को कैसे सुरक्षित बचाया जाए इसके लिए निगम हर छह माह पर चालकों को प्रशिक्षित किया जाता है। लेकिन अकबरपुर डिपो के अधिकांश चालक परिचालक प्रशिक्षण के अभाव में अग्नि घटना से निपटने के लिए सक्षम नहीं है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यहां तक उन्हें अग्निशमन यंत्र फायर सिलेंडर से आग बुझाने का हुनर नहीं मालूम है। जबकि अकबरपुर डिपो के सभी बसों में अग्निशमन यंत्र एवं मेडिकल किट भी लगाए गए हैं, लेकिन चालकों को इसका प्रशिक्षण नहीं मिला है।
दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, आजमगढ़, मऊ बलिया, बस्ती, वाराणसी, चित्रकूट, झांसी नेपाल बॉर्डर बढ़नी, गोंडा समेत समेत विभिन्न प्रांतों तथा जिलों तक यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए अकबरपुर डिपो 116 बसों संचालन करने के लिए रेगुलर तथा संविदा 131 चालक तथा 114 परिचालक तैनाती है। इसमें से 18 संविदा नई चालाक हैं। 27 महिला परिचालक तैनात है।
गत दिनों अकबरपुर-बसखारी मार्ग स्थित सम्मनपुर थाना के आदिपुर गांव पास बस में अचानक शॉर्ट-सर्किट से आग लगने की घटना के बाद भी निगम सजक नहीं है। जिस बस में घटना हुई थी, यह बस भी नीलामी कगार पर पहुंच गई थी। उसके बावजूद लापरवाह निगम मरम्मत करा कर फिटनेस प्रमाण पत्र लेकर बस दौड़ा रहे थे।
यह दिया जाता है प्रशिक्षण
निगम के परिचालक को सात दिवसीय प्रशिक्षण में टिकट कैसे बनाया जाए यात्री को कैसे बैठाएं, दिव्यांग का टिकट कैसे बनाया जाता है वरिष्ठ नागरिक कैसे टिकट बनता है। यातायात नियमों बताया जाता है जबकि चालक को आग लगने की घटना पर फायर सिलेंडर कैसे चलाया जाए।
स्वयं सुरक्षित कैसे हूं, दूसरों को सुरक्षित स्थानों पर कैसे पहचाने। घटना के समय किन-किन सावधानियां को बढ़ता जाता है निगम के वर्कशॉप कार्यालय में एकदिवसीय प्रशिक्षण तथा अभ्यास कराया जाता है लेकिन निगम में अभी तक यह अभ्यास नहीं कराया गया है।
गर्मी शुरुआत के पहले चालकों को फायर सिलेंडर का प्रशिक्षण दिया जाता है। सभी बसों में फायर सिलेंडर मेडिकल किट लगाए गए हैं। जिन चालकों को प्रशिक्षण नहीं मिला है उन्हें शीघ्र प्रशिक्षण दिया जाएगा। -कुंवर हरि ओम श्रीवास्तव, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक। |