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राजनीति में भी EWS आरक्षण की मांग, युवा पाटीदार नेताओं ने बुलंद की आवाज

cy520520 2025-11-9 05:05:41 views 416

  

युवा पाटीदार नेताओं ने पंचायत व पालिका में ईडब्‍ल्‍यूएस वर्ग के लिए मांगा आरक्षण (सांकेतिक तस्वीर)



शत्रुघ्‍न शर्मा, गांधीनगर। गुजरात में एक दशक पहले पाटीदार समाज ने आरक्षण के लिए आंदोलन किया जिसके फलस्‍वरूप देश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण मिला। पाटीदार युवा नेताओं ने अब पंचायत व पालिका चुनावों में भी इस वर्ग को आरक्षण देने के लिए सरकार व उच्‍च न्‍यायालय के समक्ष मांग कर रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

गुजरात व देश में कभी पाटीदार आरक्षण आंदोलन का चेहरा रहे खोडलधाम ट्रस्‍ट के ट्रस्‍टी दिनेश बामणिया, एडवोकेट अल्‍पेश कथीरिया व भाजपा नेता वरुण पटेल ने एक सुर में गुजरात में संभवत नये वर्ष में होने वाले ग्राम पंचायत, तहसील व जिला पंचायत, नगर पालिका व महानगर पालिका चुनाव में ईकोनोमिकल वीकर सेक्शन ईडब्‍ल्‍यूएस को भी आरक्षण की मांग की है।

बामणिया का कहना है कि उन्होंने राज्‍य सरकार व उच्‍च न्‍यायालय में इसकी मांग करते हुए अपील की है। बामणिया ने कहा कि उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्देश पर ओबीसी वर्ग को पंचायत चुनाव में आरक्षण देने के लिए गठित झवेरी कमिशन की सिफारिशों को भी पूरी तरह लागू नहीं किया गया है।

पाटीदार नेता अल्‍पेश कथीरिया का कहना है कि शिक्षा व नौकरी के साथ अब पंचायत व पालिका चुनाव में भी ईकोनोमिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण दिया जाना चाहिए। भाजपा नेता वरुण पटेल ने भी इनकी मांग में सुर मिलाते हुए इस वर्ग के लिए राजनीतिक आरक्षण को सही बताया है।

गौरतलब है कि गुजरात में मतदाता सूची के गहन परीक्षण के बाद संभवत अगले वर्ष की शुरुआत में राज्‍य में पंचायत व पालिका चुनाव होंगे। इस चुनाव में पहली बार ओबीसी वर्ग को आरक्षण दिया गया है।

राजनीति के जानकार बताते हैं कि ओबीसी आरक्षण के चलते महानगर पालिका से लेकर ग्राम पंचायत की सदस्‍यता में पाटीदार जनप्रतिनिधियों की सीटें कम होने की आशंका है। ऐसे में पाटीदार समाज अब राजनीतिक आरक्षण के लिए मैदान में उतरने की तैयारी में है।

एडवोकेट अल्‍पेश कथीरिया ने ईडब्‍ल्‍यूएस वर्ग की अन्‍य जातियों से भी इस आंदोलन में भागीदार होने की अपील की है, पंचायत व पालिका चुनाव से पहले राज्‍य में राजनीतिक आरक्षण की आग भडक सकती है, इसके पीछे एक कारण वर्तमान राज्‍यमंत्रीमंडल में पाटीदार समाज के ही एक वर्ग लेउवा पटेल समाज की उपेक्षा को लेकर चल रही चर्चाओं को भी माना जा रहा है।

ध्‍यान रहे कि वर्ष 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति ने पाटीदार समाज को अन्‍य पिछडा वर्ग के तहत आरक्षण की मांग को लेकर आरक्षण किया था, ओबीसी एकता मंच ने इसका विरोध किया तो पिफर आंदोलनकारियों ने सिर्फ आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन आगे बढाया था।
पंचायतों में भ्रष्‍टाचार किया तो होगी सख्‍त कार्यवाही

राज्‍य के पंचायत विभाग ने एक परिपत्र जारी कर ग्राम, तहसील व जिला पंचायत के पदाधिकारियों पर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगने पर जिला विकास अधिकारी व उनके कनिष्‍ठ अधिकारियों को स्‍वत संज्ञान या शिकायत पर सख्‍त कार्यवाही का अधिकार दिया है। गुजरात पंचायत ऑपिफस बेयरर्स नियम 2025 में भ्रष्‍टाचार, अनियमितता, सत्‍ता के दुरूपयोग व जांच एजेंसी की रिपोर्ट में अनियमितता उजागर होने पर उनको सीधे बर्खास्‍त किया जा सकेगा।
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