वाहनों का इंश्योरेंस।
राजीव कुमार, जागरण। दोपहिया, तिपहिया, कार व अन्य सभी वाहनों को इंश्योरेंस के दायरे में लाने का प्रयास शुरू हो गया है। आने वाले समय में इंश्योरेंस नहीं रखने वाले वाहनों को जब्त करने से लेकर उन पर कड़े जुर्माने के नियम भी लाए जा सकते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वर्तमान में भी थर्ट पार्टी इंश्योरेंस नहीं रखने वाले वाहन मालिक पर दो से चार हजार रुपए के जुर्माने से लेकर तीन माह तक की कैद तक का प्रविधान है, लेकिन इस पर कोई अमल नहीं होता है।
इरडा ने जारी किए दिशा निर्देश
तभी पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने भी देश में सिर्फ 50 प्रतिशत वाहनों के ही इंश्योरेंस होने पर आश्चर्य जाहिर करते हुए भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) को सभी वाहनों को इंश्योरेंस के दायरे में लाने के उपाय करने का निर्देश जारी किया था।
सभी वाहनों का इंश्योरेंस नहीं होने से दुर्घटना होने पर मुआवजे से लेकर गाड़ी की मरम्मत तक में परेशानी आती है। वर्ष 2022 में देश में 35 करोड़ से अधिक वाहन पंजीकृत थे और इनमें से 16.5 करोड़ वाहनों का ही इंश्योरेंस था। भारत में हर साल तीन करोड़ से अधिक वाहनों का (कार, दोपहिया व कमर्शियल) का निर्माण होता है। ऐसे में, गैर इंश्योरेंस वाले वाहनों की संख्या 20 करोड़ से अधिक हो सकती है।
सभी वाहनों को इंश्योरेंस के दायरे में लाने की पहल
सरकारी सूत्रों का कहना है कि इरडा की एजेंसी इंश्योरेंस इंफार्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया (आईआईबी) की मदद से सभी वाहनों को इंश्योरेंस के दायरे में लाने की पहल शुरू हो चुकी है।
तेलंगाना में गैर इंश्योरेंस वाले वाहन मालिक खासकर जिनका थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं है, उन्हें एसएमएस के जरिए अपने वाहन का इंश्योरेंस कराने के लिए कहा जा रहा है। अभी पायलट स्तर पर यह पहल की गई है। फिर सभी राज्यों में व्यापक स्तर पर इस प्रकार की पहल की जाएगी।
गाड़ी को जब्त करने से लेकर कड़े जुर्माने तक का नियम
सूत्रों का कहना है कि लोगों की तरफ से वाहन इंश्योरेंस को लेकर गंभीरता नहीं दिखाने पर नियामक एजेंसी गाड़ी को जब्त करने से लेकर कड़े जुर्माने के नियम को अमल में ला सकती है। आईआईबी की तरफ से इन दिनों रोजाना स्तर पर नेशनल इंफार्मेशन सेंटर (एनआईसी) के साथ सभी बिना इंश्योरेंस वाले वाहनों के डाटा को साझा करने की शुरुआत की गई है।
आईआईबी सभी राज्यों की विभिन्न सरकारी एजेंसियों को भी उनके राज्यों के गैर इंश्योरेंस वाले वाहनों की जानकारी रोजाना स्तर पर दे रहा है। इंश्योरेंस कंपनियां सभी प्रकार के इंश्योरेंस का डाटा आईआईबी को देती है और इस आधार पर 2014-15 के बाद से इंश्योरेंस और गैर इंश्योरेंस वाले वाहनों का डाटा आईआईबी के पास है।
नए वाहन की खरीदारी पर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को अनिवार्य
स्क्रैप हो चुके वाहनों के डाटा को अपडेट किया जा रहा है। हालांकि अब नए वाहन की खरीदारी पर तीन साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन उसके बाद बड़ी संख्या में कार मालिक थर्ड इंश्योरेंस कराने में कोताही करते हैं। इंश्योरेंस के मामले में दोपहिया का रिकॉर्ड काफी खराब है।
50-60 प्रतिशत वाहन बिना इंश्योरेंस के चल रहे
आईआईबी के आंकड़ों के मुताबिक बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड व उड़ीसा जैसे राज्यों में 50-60 प्रतिशत वाहन बिना इंश्योरेंस के चल रहे हैं। वहीं राजस्थान, महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में तो 60 प्रतिशत से अधिक वाहन बिना इंश्योरेंस के हैं। दिल्ली, हिमाचल व उत्तराखंड में 30-50 प्रतिशत वाहनों के इंश्योरेंस नहीं है। |