अब पंचायत भवन में सचिवों को लगाने को होगी ऑनलाइन हाजिरी।
संवाद सूत्र, गोंडा। पंचायत सहायकों की तरह अब ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारी (सचिव) को भी पंचायत भवनों में ऑनलाइन हाजिरी लगानी होगी, इसके लिए पंचायतीराज विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। ऑनलाइन हाजिरी लगाने की व्यवस्था ग्राम पंचायत भवनों (सचिवालयों) में सुनिश्चित की जाएगी। प्रत्येक कार्यदिवस पर तैनाती वाली ग्राम पंचायत में जाना अनिवार्य होगा। ऑनलाइन हाजिरी में जीपीएस तकनीक का भी प्रयोग किया जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिले के 16 विकासखंडों में 1192 ग्राम पंचायतें हैं, इनमें ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारियों की तैनाती है। एक-एक ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारी के पास तीन से लेकर 10-10 ग्राम पंचायतों का प्रभार है। ब्लाकों में करीब 180 ग्राम पंचायत/ग्राम विकास अधिकारियों की तैनाती है। कई-कई ग्राम पंचायतों का प्रभार होने के कारण ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारी अक्सर पंचायतों में नहीं जाते
थे।
ग्रामीणों की समस्याओं का हो समाधान
गांवों में कार्यालय तो खुल गए हैं, लेकिन सचिवों की उपस्थिति को लेकर कोई अनिवार्यता नहीं थी। ग्रामीण परिवार रजिस्टर की नकल व मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए इनको खोजते रहते थे। वहीं, ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों की निगरानी भी प्रभावित होती थी। शासन स्तर पर शिकायतें भी पहुंच रहीं थीं कि यह ग्राम पंचायतों में नहीं जाते हैं। क्षेत्र में होने की बात कहकर गायब रहते हैं।
हाजिरी लगाने की व्यवस्था अनिवार्य होने के कारण इनका आवंटित ग्राम पंचायतों में जाना अनिवार्य हो जाएगा। इससे यह ग्रामीणों को आसानी से पंचायत भवन या ग्राम सचिवालय भवन में उपलब्ध हो सकेंगे। इससे जहां जवाबदेही तय होगी वहीं कार्य में भी पारदर्शिता आएगी, वहीं गायब रहने के नाम पर कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी।
निदेशक ने जारी किए पत्र
निदेशक पंचायतीराज अमित सिंह ने आयुक्त ग्राम्य विकास के माध्यम से यह व्यवस्था शीघ्र शुरू करने का निर्देश दिया है। नवंबर के अंत तक सभी पंचायत भवनों व ग्राम सचिवालयों में इसकी व्यवस्था की जानी है। अब तक पंचायत भवनों में पंचायत सहायकों, एकाउंटेंट कम डाटा इंट्री आपरेटर के लिए ऑनलाइन हाजिरी की व्यवस्था लागू थी।
ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारियों को तैनाती वाली ग्राम पंचायतों में जाकर पंचायत भवन या ग्राम सचिवालय भवन में ऑनलाइन उपस्थित दर्ज करानी होगी। निदेशक पंचायतीराज के निर्देश का पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। -लालजी दुबे, डीपीआरओ गोंडा। |