फोन पर बात करता आदमी। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। डिजिटल दुनिया में मोबाइल नेटवर्क गांवों को शहरों, देश और विदेश से जोड़ रहा है। नेटवर्क की वजह से दूर-दराज़ के इलाकों में भी विकास पहुंचा है, लेकिन आज भी कोरापुट जिले के कुछ गांव मोबाइल नेटवर्क से वंचित हैं। इसका नतीजा यह है कि फोन पर बातचीत के लिए ग्रामीणों को 2 किलोमीटर दूर पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह कोई दूरस्थ क्षेत्र नहीं, बल्कि राज्य राजमार्ग के किनारे स्थित दशमंतपुर ब्लॉक का एस. तोटागुड़ा गांव है, जहां लोग ऐसी परेशानियों से जूझ रहे हैं। नेटवर्क न होने की वजह से इस गांव में लोग अपनी बेटियां ब्याहने तक से हिचक रहे हैं। इसी कारण मनरेगा काम भी बाधित हो रहा है और युवा दिहाड़ी मजदूरी के लिए दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं।
दशमंतपुर ब्लॉक के पी. बेड़ापदर पंचायत के किसी भी गांव में मोबाइल नेटवर्क नहीं है। परिणामस्वरूप पंचायत में आंख और अंगुली (ईपीएस) स्कैन मशीनें काम नहीं कर रहीं। राशन कार्डधारियों को ऑफलाइन ही सामग्री दी जा रही है।
रायगढ़ा–कोरापुट राष्ट्रीय राजमार्ग पोटागुड़ा से टिकिरी होते हुए दशमंतपुर से गुजरता है। इसी सड़क के किनारे पी. बेड़ापदर पंचायत के एस. तोटागुड़ा, ढेपागुड़ा, पी. बेड़ापदर, मंगरागुड़ा गांव पड़ते हैं, जबकि भीतर के हिस्से में अन्य 10 गांव बसे हैं। इस राजमार्ग पर रोज प्रशासनिक अधिकारी और नेता गुजरते हैं, फिर भी पंचायत में मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंच पाया है।
तोटागुड़ा के ग्रामीण बताते हैं कि यदि कोई दुर्घटना हो जाए या कोई मरीज व गर्भवती महिला गंभीर हो जाए तो एंबुलेंस को सूचना देने के लिए भी 2 किलोमीटर दूर बड़िघाटी पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है।
राशन सामग्री के लिए अंगुली और आंख स्कैन अनिवार्य किए जाने के बावजूद नेटवर्क न होने से ऑफलाइन तरीके से ही सामग्री दी जा रही है। सरकार ने ई-केवाईसी न कराने पर राशन कार्ड से नाम हटाने की चेतावनी दी थी।
ग्रामीण नेटवर्क वाले स्थानों पर जाकर केवाईसी अपडेट कर आए, लेकिन एस. तोटागुड़ा के कई परिवारों का केवाईसी अभी भी अपडेट नहीं हो पाया है। पंचायत में नेटवर्क समस्या के कारण हितग्राहियों को ऑफलाइन राशन देना पड़ रहा है, यह जानकारी आपूर्ति सहायक ने दी। पंचायत के 92 प्रतिशत हितग्राहियों का केवाईसी अपडेट हो चुका है।
तोटागुड़ा गांव के बनमाली खोसला, पर्शुराम खोसला, किरण खोसला और निरंजन दलपति ने बताया कि बेड़ापदर और सेम्बी गांव के पास मोबाइल टावर लगाए हुए दो साल हो गए, लेकिन आज तक टावर चालू नहीं हुए।
इसके कारण ना केवल ई-केवाईसी से जुड़ी दिक्कतें हैं, बल्कि बच्चों की पढ़ाई भी बाधित है। जरूरत पड़ने पर परिजनों से संपर्क भी नहीं हो पाता। समस्या पर दशमंतपुर बीडीओ सिद्धेश्वर नायक ने बताया कि नेटवर्क सुविधा तुरंत उपलब्ध कराने के लिए बीएसएनएल को पत्र लिखा जाएगा। |