आनंद विहार प्रदूषण का एक बड़ा हॉटस्पॉट है।
शुजाउद्दीन, पूर्वी दिल्ली। आनंद विहार प्रदूषण का एक बड़ा हाटस्पाट है। बस अड्डे में खड़ी बसों के बीच जाकर निगम के स्प्रिंकलर टैंकर पानी बरसा रहे हैं। प्रदूषण की रोकथाम के लिए मुख्य सचिव के निर्देश पर बनी उच्चस्तरीय कमेटी ने बृहस्पतिवार को आनंद विहार हॉटस्पॉट का निरीक्षण किया था। इस कमेटी में शामिल शाहदरा की अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त नेहा यादव ने पटपड़गंज औद्योगिक थानाध्यक्ष सत्यप्रकाश को बस अड्डे व इसके आसपास सड़क पर अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्रदूषण की रोकथाम वाली कमेटी में शामिल अतिरिक्त उपायुक्त के आदेश का थाना पुलिस पर कितना असर होता है यह देखने के लिए दैनिक जागरण की टीम शुक्रवार को आनंद विहार बस व रेलवे स्टेशन पर गई। बस अड्डे के अंदर सड़कों की मरम्मत का काम चलता हुआ मिला। निगम के स्प्रिंकलर पानी का छिड़काव कर रहे थे। अतिक्रमण उसी तरह से था, जैसे आम दिनों में लगा रहता है। उपायुक्त के आदेश का जरा भी अमल यहां होते हुए नहीं दिखा।
फुटओवर ब्रिज से लेकर आनंद विहार बस अड्डे व रेलवे स्टेशन के प्रवेश व निकास द्वार पर अतिक्रमण लगा रहा। जैसे पहले जाम लगता था, वैसे ही अतिक्रमण हटाने के आदेश के बाद भी लग रहा है। उपायुक्त का आदेश महज खानापूर्ति वाला साबित हुआ। अतिक्रमण करने वालों पर किसी भी तरह का आदेश काम नहीं कर रहा है।
कमेटी में शामिल अधिकारी अंदाजा लगा रहे हैं अतिक्रमण हटेगा तो सड़कों पर जाम नहीं लगेगा। लेकिन अतिक्रमण करने वालों पर पुलिस व निगम अधिकारियों की जरा भी नहीं चल रही है। यह हाल उस क्षेत्र का है जिसे सरकारी विभागों ने हाटस्पाट बनाया हुआ है। दावे किए जा रहे हैं यहां पर प्रदूषण की रोकथाम के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन बात अतिक्रमण की आ रही है तो कोई कुछ नहीं कर रहा है।
फुटओवर ब्रिज का इस्तेमाल करने वाले राहगीरों ने कहा कि कारों में निरीक्षण करने के लिए आने वाले अधिकारियों को कभी बस अड्डे के बाहर बने फुटओवर से सड़क पार करनी चाहिए। उन्हें खुद पता चल जाएगा सरकारी कार्यालयों के अधिकारियों की क्या हालत है। एक छोटे से फुटओवर पर भी अतिक्रमण की भेंट चढ़ा हुआ है। अतिक्रमण की वजह से बसें जाम में फंस रही हैं।
इस मामले में अतिरिक्त उपायुक्त नेहा यादव को अतिक्रमण के फोटो वाट्सएप करके पूछा गया कि उन्होंने थानाध्यक्ष को अतिक्रमण हटाने के जो आदेश दिए थे, उसका पालन क्यों नहीं हुआ। क्या थाना पुलिस की नजर में उनका आदेश कोई मायने नहीं रखता। अतिरिक्त उपायुक्त ने काल व मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया।
रेलवे स्टेशन के निकास द्वार पर जाम से जूझ रहे हैं वाहन चालक
आनंद विहार रेलवे स्टेशन के निकास द्वारा पर अतिक्रमण का बुरा हाल है। यहां खाने पीने व जूते व कपड़ों की अवैध दुकानें चल रही हैं। स्टेशन से आनंद विहार सड़क पर आने वाले वाहन चालकों को पांच से दस मिनट जाम से जूझना पड़ रहा है। सड़क पर लगने वाली वाहनों की कतार इस बात को जग जाहिर कर रही हैं सरकारी सिस्टम लोगों की आंखों में धूल झोंक रहा है।
सरकारी विभागों में बड़े पदों पर बैठे अधिकारी दावा कर रहे हैं कि वह प्रदूषण से निपटने के लिए हाटस्पाट वाले क्षेत्र में उतर रहे हैं और अतिक्रमण हटवा रहे हैं। ताकि सड़कों पर जाम न लगे। वहीं अतिक्रमण से लगने वाले जाम से परेशान होने वाले वाहन चालकों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। आनंद विहार रेलवे पुलिस का दावा है कि वह निकास द्वार से अतिक्रमण हटाने जाती है, तभी आनंद विहार औद्योगिक थाना की पुलिस आ जाती है।
आरोप है रेलवे पुलिस को थाना पुलिस यह कहते हुए कार्रवाई से रोक देती है अतिक्रमण हटाना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। ऐसे में रेलवे पुलिस को अपनी आंखें मूंदनी पड़ती है। सूत्रों का दावा है कि अतिक्रमण करने वाले थाना पुलिस को रकम पहुंचाते हैं, जिस कारण कार्रवाई करते हुए पुलिस के हाथ कांपते हैं। |