जागरण संवाददाता, बलरामपुर। प्रधानमंत्री मुद्रा लोन व ओवरड्राफ्ट (ओडी) के 86 फर्जी लोन खाते बनाकर 12 करोड़ तीन लाख 37 हजार रुपये गबन के आरोप में पूर्व में गिरफ्तार हुए तत्कालीन वरिष्ठ शाखा प्रबंधक व उनके सहयोगियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नगर के पुरैनिया तालाब निवासी जुहैब अहमद की तहरीर पर वरिष्ठ शाखा प्रबंधक महेश त्रिपाठी निवासी 168बी हिंदनगर कानपुर रोड लखनऊ व पीएसपी कंस्ट्रकशंस गोंडा के समरजीत सिंह, इनकी पत्नी पूनम सिंह, बेटे वैभव सिंह व मैनेजर संतोष सिंह के विरुद्ध फर्जी लोन खाते खोलने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही गोंडा निवासी रघुनाथ सिंह ने डेयरी उद्योग के नाम पर बैंक लोन निकालने का आरोप लगाते हुए महेश त्रिपाठी व संतोष सिंह के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है।
नगर के पुरैनिया तालाब निवासी जुहैब अहमद ने दर्ज मुकदमे में कहा है कि वह भवन निर्माण सामग्री की दुकान करते हैं। उनका पंजाब नेशनल बैंक नहर बालागंज शाखा में वर्ष 2016-17 से सीसी आदि का खाता चल रहा था। बैंक में ही उनकी मुलाकात समरजीत सिंह से हुई।
समरजीत ने बताया कि वह ठेकेदारी करते हैं। उसके बाद कई बार मिलने पर मेलजोल बढ़ा, तो उन्हें निर्माण सामग्री की आपूर्ति भी करने लगे। एक बार समरजीत से रुपये उधार मांगे। समरजीत ने अपनी फर्म के मैनेजर संतोष सिंह व तत्कालीन वरिष्ठ बैंक शाखा प्रबंधक महेश त्रिपाठी की मिलीभीगत से जुहैब के नाम का दो फर्जी लोन खाते खोलकर क्रमश: 15 लाख व 20 लाख रुपये का लोन स्वीकृत दिखाया।
इसके बाद कूटरचित दस्तावेज तैयार कराकर उनकी पत्नी सबा के नाम से फर्जी लोन खाता खोलकर दो लाख, भाई जैद के नाम पर 20 लाख व चचेरे भाई सोएब के नाम से 20 लाख रुपये का लोन स्वीकृत किया। जुहैब के खाते में छह बार रुपये आए थे।
बैंक शाखा प्रबंधक महेश त्रिपाठी व समरजीत सिंह से जानकारी तो उन लोगों ने बताया कि यह पैसा पीएसपी कंस्ट्रक्शंस का है, इसे जुलाई में वापस कर देना। इस पर तीन जुलाई 2024 को 90 लाख व पांच जुलाई को 30 लाख रुपये फर्म के खाते में ट्रांसफर किए हैं। इस पूरे फर्जीवाड़े में समरजीत की पत्नी पूनम, बेटे वैभव भी शामिल रहे।
दंपती के नाम पर फर्जी लोन खाता खोल निकाले पैसे
गोंडा के न्यू हाटा हाउस कालोनी जेल रोड निवासी रघुनाथ सिंह ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि उनके परिचित संतोष सिंह निवासी परसापुर थाना नवाबगंज गोंडा और पंजाब नेशनल बैंक शाखा नहर बालागंज के तत्कालीन बैंक प्रबंधक महेश त्रिपाठी दो वर्ष पूर्व उनके घर आए थे। दोनों ने बैंक से डेयरी उद्योग के लिए लोन दिलाने की बात कही।
दोनों ने रघुनाथ सिंह और उनकी पत्नी अमिता सिंह का आधार कार्ड, पैन कार्ड लेकर मोबाइल से फोटो खींची। कुछ समय बाद जब रघुनाथ सिंह ने लोन के बारे में पूछा तो संतोष सिंह ने बताया कि लोन स्वीकृत नहीं हुआ और न ही कोई खाता खोला गया। इसके बाद जानकारी मिली कि दोनों रघुनाथ व अमिता के कागजों का कूटरचित ढंग से उपयोग कर फर्जी लोन खाता खोलकर पैसे निकाल लिए हैं।
नगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार सिंह का कहना है कि दोनों मामलों में पूर्व बैंक प्रबंधक समेत अन्य आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। छानबीन की जा रही है। |