राज्य ब्यूरो, लखनऊ। केंद्र सरकार की 17वें कामन रिव्यू मिशन (सीआरएम) की टीम ने मुजफ्फर नगर और बलरामपुर में सड़क दुर्घटनाओं में घायलों के इलाज, उच्च जोखिम गर्भावस्था की सुविधाओं में कमी मिली है। दोनों जिलों में ट्रामा सेंटर पर डाक्टरों की कमी सहित अन्य स्वास्थ्य इकाईयों पर जरूरत के अनुसार मानव संसाधन भी नहीं मिला है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सीआरएम की टीम ने जरूरी के अनुसार मानव संसाधन की तैनाती पर ध्यान देने की सलाह दी है। टीम का नेतृत्व कर रहे स्वास्थ्य मंत्रालय के अपर निदेशक क्षय रोग डा़ रघुराम राव शुक्रवार को मुजफ्फर नगर और बलरामपुर की स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में अपनी रिपोर्ट पेश कर रहे थे।
डा़ रघुराम ने बताया कि उनकी 12 सदस्यीय टीम ने एक से पांच नवंबर तक बलरामपुर की 14 और मुजफ्फर नगर की 19 स्वास्थ्य इकाइयों का निरीक्षण किया। इसमें जिला अस्पताल से लेकर आयुष्मान आरोग्य मंदिर और ड्रग वेयर हाउस शामिल थे। उन्होंने दोनों जिलों में कुपोषित बच्चों के इलाज की व्यवस्था को सुधारने की जरूरत बताई।
आनलाइन इलाज की सुविधा वाले ई-संजीवनी एप की सराहना की, लेकिन इंटरनेट की सुविधा को दुरुस्त करने की सलाह दी। मुजफ्फर नगर में पीएचसी-सीचसी पर सफाई व्यवस्था, दवाओं के रखरखाव में कमी को सुधारने के लिए कहा।
बलरामपुर सीएचसी पर टीम को पैथोलाजी जांच के उपकरण मिले, लेकिन उनका इस्तेमाल होता नहीं पाया गया। टीम को बलरामपुर जिला महिला अस्पताल में प्रसूति सेवाएं दुरुस्त मिली। तीन एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस जरूरी उपकरणों के साथ उपलब्धता की उन्होंने सराहना की है।
इस मौके पर मौजूद चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित कुमार घोष ने केंद्रीय टीम की रिपोर्ट के आधार पर दोनों जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के निर्देश अधिकारियों को दिए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की निदेशक पिंकी जोवल ने कहा कि केंद्रीय टीम के निरीक्षण में मिली कमियों के आधार पूरे प्रदेश के लिए एक चेक लिस्ट बनाई जाएगी।
इससे सभी जिलों की स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त किया जा सकेगा। उन्होंने आनलाइन भुगतान की प्रणाली एसएनए स्पर्श के कारण वेतन, प्रोत्साहन राशि के भुगतान में दिक्कतों की जानकारी भी दी। साथ ही एनएचएम के बजट को बढ़ाने का अनुरोध केंद्रीय टीम से किया। |