बॉक्सर अहाना शर्मा। फाइल फोटो
लोकेश शर्मा, नई दिल्ली। दिल्ली की मिट्टी ने एक बार फिर देश को गर्व का मौका दिया है। मौजपुर की 15 वर्षीय बॉक्सर अहाना शर्मा ने बहरीन में आयोजित एशियन यूथ गेम्स 2025-26 में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का तिरंगा ऊंचा लहराया। रिंग में उनके दमदार पंचों और अटूट आत्मविश्वास ने यह साबित कर दिया कि अगर हौसले बुलंद हों, तो उम्र सफलता की राह में रुकावट नहीं बनती। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सेंट जेवियर्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की 11वीं कक्षा की छात्रा अहाना ने न सिर्फ देश का मान बढ़ाया, बल्कि यह दिखाया कि भारत की बेटियां अब हर खेल में विश्व मंच पर अपनी मजबूत पहचान बना रही हैं।
जुनून से शुरू हुई बॉक्सिंग की राह
अहाना के पिता बताते हैं कि जब वह मात्र 10 साल की थीं, तभी उन्होंने अपनी बेटी को बॉक्सिंग के लिए प्रेरित किया। उनका मानना था कि बेटियां भी रिंग में अपनी ताकत और आत्मविश्वास से किसी से कम नहीं। अहाना के पिता के इस जुनून और समर्पण ने ही आज उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बना दिया है। अहाना ने कहा मेरे पिता ही मेरी प्रेरणा हैं। उन्हीं की वजह से मैंने बॉक्सिंग शुरू की। उन्होंने हमेशा सिखाया कि हार मानना नहीं, मेहनत करते रहना ही असली जीत है।
स्वतंत्रता बॉक्सिंग अकादमी में हुई निखार
अहाना ने अपनी ट्रेनिंग स्वतंत्रता बॉक्सिंग अकादमी में शुरू की, जहां उनके कोच स्वतंत्र राज सिंह और विकास सिंह ने उनकी प्रतिभा को निखारा। अहाना ने कहा कोच सर ने मुझ पर हमेशा भरोसा किया। हां, प्रैक्टिस में वक्त लगता है, लेकिन जब रिंग में उतरती हूं, तो हर पसीने की बूंद का फल जीत के रूप में मिलता है।
बहरीन में दिखाया दम
बहरीन में हुए एशियन यूथ गेम्स में अहाना ने 50 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। उनका यह सफर बेहद रोमांचक रहा। उन्होंने प्री-क्वार्टर फाइनल में किर्गिस्तान की बॉक्सर को हराया, क्वार्टर फाइनल में भूटान की खिलाड़ी पर जीत दर्ज की, सेमीफाइनल में उज़्बेकिस्तान की चुनौती को मात दी और फाइनल में पब्लिक रिपब्लिक आफ कोरिया की बॉक्सर को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
अहाना ने कहा, जब फाइनल के बाद मेरे देश का राष्ट्रगान बजा, तो वो पल मेरी ज़िंदगी का सबसे ख़ास पल था। उस वक्त लगा कि सारी मेहनत सफल हो गई।
अहाना की उपलब्धियां
अहाना इससे पहले भी कई प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन कर चुकी हैं। उन्होंने एशियन जूनियर चैंपियनशिप 2025-26 (जार्डन) में स्वर्ण, खेलो इंडिया अंडर-19 यूथ गेम्स (2025) में स्वर्ण, दिल्ली स्टेट गोल्ड मेडलिस्ट (2022-23, 2023-24, 2025-26), नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट (2023-24, 2024-25), सीबीएससी, एसजीएफआई और आरईसी टैलेंट हंट प्रतियोगिताओं में भी कई बार स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं।
रिंग से बाहर भी बहुमुखी प्रतिभा
रिंग से बाहर अहाना एक अनुशासित छात्रा हैं। उन्हें डांसिंग, रनिंग, जिम, स्टडी और चेस का शौक है। उन्होंने कहा, मेहनत और अनुशासन ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है। यही मुझे आगे बढ़ने की ऊर्जा देता है।
बहरीन से लौटने पर दिल्ली एयरपोर्ट पर अहाना का स्वागत हुआ। स्थानीय लोगों ने फूल-मालाओं से उनका अभिनंदन किया। सबके चेहरे गर्व से दमक रहे थे। अहाना के कोच विकास ने कहा अहाना जैसी बेटियां ही देश का भविष्य हैं, जो भारत का नाम हर मंच पर रोशन कर रही हैं।
अहाना के पिता नवीन ने कहा उम्मीद है कि दिल्ली सरकार और खेल मंत्रालय ऐसे उभरते खिलाड़ियों को और सहयोग देगा, ताकि भारत की ये स्वर्ण बेटियां आगे भी देश का मान बढ़ाती रहें।
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