कैंसर से बचने के आसान उपाय: डॉक्टर की सलाह (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कैंसर दुनियाभर में चिंता का विषय बना हुआ है। यह एक गंभीर बीमारी है, जो कई मामलों में जानलेवा साबित होती है। कैंसर के कई प्रकार होते हैं, जो किसी को भी अपना शिकार बना सकता है। यही वजह है कि हर साल 7 नवंबर को नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे मनाया जाता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रख इससे बचाव करना संभव है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, नोएडा में इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर के प्रिंसिपल डायरेक्टर और यूनिट हेड डॉ. एस. एम. शुऐब जैदी से जानेंगे कैसे कर सकते हैं कैंसर के रिस्क को कम-
खानपान का रखें ध्यान
डॉक्टर बताते हैं कि कैंसर के रिस्क को कम करने के लिए अपनी रोजमर्रा की लाइफ में सोच-समझकर चुनाव करने की जरूरत है। कैंसर से बचाव के लिए बैलेंस्ड डाइट लें। साबुत अनाज, सब्जियों, फलों और फलियों पर आधारित डाइट प्रभावी साबित होती है। रेड और प्रोसेस्ड मीट, शुगरी ड्रिंक्स और बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड या हाई फैट वाले फूड को सीमित मात्रा में खाने से जोखिम और कम हो जाता है। साथ ही इन बातों का भी ध्यान रखें-
- रोजाना कम से कम पांच अलग-अलग मात्रा में फल और सब्जियां डाइट में शामिल करें।
- फाइबर से भरपूर फूड्स जैसे बीन्स, दालें, ओट्स और ब्राउन राइस चुनें।
- सेचुरेटेड फैट की बजाय जैतून के तेल, ड्राई फ्रूट्स और सीड्स जैसे हेल्दी फैट को डाइट का हिस्सा बनाए।
हेल्दी वेट बनाए रखें और एक्टिव रहें
हेल्दी वेट और रेगुलर फिजिकल एक्सरसाइज ब्रेस्ट, बॉवेल और किडनी के कैंसर जैसे कैंसर के खतरे को कम करती है। इसलिए हफ्ते में 150 मिनट मीडियम एक्सरसाइज या 75 मिनट हैवी एक्टिविटी करने का टारगेट रखें। लंबे समय तक बैठने से बचें और काम के बीच में खड़े होते रहें, स्ट्रेचिंग करें और टहलें।
शराब-स्मोकिंग से बचें
तंबाकू से बचें, शराब का सेवन सीमित या बिल्कुल न करें। तंबाकू दुनिया में कैंसर का सबसे बड़ा रोकथाम योग्य कारण है। धूम्रपान छोड़ने से कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। शराब, कम मात्रा में भी, ब्रेस्ट, लिवर और बॉवेल जैसे कैंसर की संभावना को बढ़ा देती है। इसलिए इससे बचना ही बेहतर है।
इन बातों का भी रखें ध्यान
हाई एसपीएफ वाले सनस्क्रीन और सुरक्षात्मक कपड़ों से अपनी स्किन को यूवी किरणों से बचाएं। एचपीवी और हेपेटाइटिस बी जैसे वैक्सीनेशन करवाते रहें और हाई रिस्क वाले कैंसर की जांच करवाएं, जिससे शुरुआती दौर में पहचान की जा सके और इलाज भी बेहतर हो सके।
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