deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

14 साल की कानूनी लड़ाई के बाद सु्प्रीम कोर्ट ने दी तलाक को मंजूरी, पत्नी को मिलेगा 1 करोड़ का मुआवजा

Chikheang 2025-11-8 00:37:38 views 505

  

सुप्रीम कोर्ट। (पीटीआई)



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 14 साल से कानूनी लड़ाई लड़ रही एक महिला को सुप्रीम कोर्ट में बड़ी जीत हासिल हुई है। कोर्ट ने पत्नी की ओर से दायर सभी लंबित आपराधिक और दीवानी मामलों को खारिज कर दिया। इसके बदले में पति को स्थायी गुजारा भत्ता के रूप में एक करोड़ रुपए देने पडेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इस जोड़े की शादी, 5 अक्टूबर 2009 में हुई थी। पत्नी ने दावा किया कि उसके ससुराल वालों ने उसे मानसिक और शारीरिक रुप से प्रताड़ित किया, जिसके चलते उसने 15, अप्रैल 2010 को ससुराल छोड़ना पड़ा। इसी दौरान अपने माता-पिता के घर रहने को दौरान, उन्होंने 28 दिसंबर को 2019 को अपने बेटे को जन्म दिया। बच्चे के जन्म के बाद भी दोनों में सुलह नहीं हुई।
14 साल चला याचिकाओं का दौर

साल, 2013 में, पत्नी ने CrPC की धारा 125 के तहत अपने और बच्चे के भरण-पोषण के लिए के लिए मुआवजे की मांग की। साल 2019 में पत्नी ने घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12 के तहत केस दर्ज किया।

निचली अदालत ने 16 जनवरी, 2019 के अपने आदेश में पति को किराए, पानी और बिजली के लिए 5,000 रुपये मासिक, पत्नी के भरण-पोषण के लिए 10,000 रुपये मासिक और बच्चे के भरण-पोषण के लिए 5,000 रुपये मासिक और उसकी शिक्षा के लिए 5,000 रुपये अतिरिक्त देने का निर्देश दिया।

पत्नी को धारा 21 के तहत उसके नाबालिग बच्चे की कस्टडी दी गई और पति को धारा 22 के तहत उसे हुई मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक पीड़ा के लिए 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया गया।
निचली अदालत के आदेश को हाईकोर्ट ने रखा बरकरार

इसके बाद दोनों ओर से कोर्ट में याचिकाएं दायर की, जिसमें कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश के बरकरार रखा। हाईकोर्ट ने पत्नी की अपील को खारिज कर दिया और पति की आंशिक याचिका को स्वीकार करते हुए निचली अदालत के 4 लाख रुपए मुआवजे के आदेश को रद कर दिया। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई।
पत्नी को मिलेगा 1 करोड़ का मुआवजा

मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने 29 जुलाई, 2025 को एक आदेश पारित किया, जिसमें पत्नी को पहले चुकाई गई भुगतान राशि के अलावा स्थायी भत्ते के रूप में एक करोड़ देने के लिए कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस राशि (1 करोड़ रुपये) को पक्षकारों के बीच सभी दावों का पूर्ण और अंतिम निपटारा माना जाएगा, जिसमें नाबालिग बच्चे के दावे भी शामिल हैं, जिसका प्रतिनिधित्व उसकी अभिभावक मां यानी पत्नी करती है, और इसकी प्राप्ति के बाद, कोई भी पक्ष दूसरे पक्ष के खिलाफ कोई और दावा नहीं करेगा।

इसे भी पढ़ें: VIDEO: हवा में था इंडिगो का विमान, आने लगी जलने की तेज बदबू; मच गई अफरातफरी
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

710K

Credits

Forum Veteran

Credits
78626
Random