मुंबई में रेलवे कर्मचारियों की हड़ताल से अफरा-तफरी। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुरुवार को मुंबई के सेंट्रल रेलवे (CR) नेटवर्क में अचानक अफरा-तफरी मच गई। ऐसा इसलिए क्योंकि छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) पर रेलवे कर्मचारियों के अचानक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
इस दौरान ऑफिस के पीक आवर्स में घर पहुंचने की कोशिश कर रहे यात्रियों को भीड़ भरे स्टेशनों पर काफी देर तक फंसना पड़ा। इस बीच कुछ यात्री पटरियों पर चलने को मजबूर हो गये। अफरा-तफरी के माहौल के बीच एक एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुंबई में रेलवे कर्मचारियों की हड़ताल
सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (CRMS) द्वारा आयोजित यह विरोध प्रदर्शन 9 जून को मुंब्रा में हुए हादसे के सिलसिले में दो CR इंजीनियरों के खिलाफ दर्ज FIR के जवाब में था, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी।
मुंब्रा स्टेशन के पास 9 जून को हुए ट्रेन हादसे के सिलसिले में कथित लापरवाही के आरोप में बुक किए गए सेंट्रल रेलवे के दो इंजीनियरों ने अग्रिम जमानत याचिका (ABA) दायर की है।
असिस्टेंट डिविजनल इंजीनियर विशाल डोलास और सीनियर सेक्शन इंजीनियर समर यादव की ABA गुरुवार को स्वीकार कर ली गई और इसकी सुनवाई शुक्रवार को ठाणे के एडिशनल सेशंस जज जी टी पवार के सामने होगी।
स्टेशनों पर अफरा-तफरी से दो की मौत
9 जून को मुंब्रा में हुए हादसे में पांच यात्रियों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे, जिसके बाद गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (GRP) और सेंट्रल रेलवे (CR) के बीच एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया।
GRP ने ट्रैक में खराबी के बारे में बार-बार दी गई चेतावनियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए CR के इंजीनियरिंग विंग को जिम्मेदार ठहराया है। इसके उलट, रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन ने इन नतीजों को \“टेक्निकली गलती\“ पर आधारित बताते हुए खारिज कर दिया है।
इंजीनियरों के खिलाफ FIR का विरोध
ACP एस. शिरसाट की अगुवाई में हुई डिटेल जांच के बाद GRP ने 1 नवंबर को FIR दर्ज की। शिकायत में कहा गया है कि भारी बारिश के बाद मुंब्रा स्टेशन के अधिकारियों ने ठाणे इंजीनियरिंग सेक्शन को ट्रैक से गिट्टी हटने और प्लेटफॉर्म के धंसने के बारे में बताया था, लेकिन कोई सुधार का काम नहीं किया गया।
दो CR इंजीनियरों पर कथित आपराधिक लापरवाही के लिए भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 और 125 के तहत मामला दर्ज किया गया है। GRP का केस मुख्य रूप से वीरमाता जीजाबाई टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (VJTI) की एक रिपोर्ट पर आधारित है, जिसमें यह नतीजा निकाला गया कि खराब मेंटेनेंस और मानवीय गलती के कारण यह घटना हुई। |