इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
डिजिटल डेस्क, दरभंगा । (Bihar Vidhan sabha Chunav) दरभंगा जिले की 10 विधानसभा सीटों पर मतदान के बाद अब समीकरणों को दौर शुरू हो गया है। जनता ने किस पर भरोसा जताया और किसको नकार दिया। मतदान के बाद पूरे जिले में जो चुप्पी दिखी, यह बताती है कि इस बार मुकाबला बेहद कड़ा और असमान्य है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
चुनाव प्रचार में दिखी जोरदार बयानबाजी
नारेबाज़ी कम, चेहरे की मुस्कान और आंखों की चमक में असल राजनीति छिपी हुई है। इस बार चुनाव प्रचार में जितनी जोरदार बयानबाज़ी हुई, उससे ज्यादा खामोश वोटिंग ने फैसला लिखा है। महिलाओं की भारी भागीदारी और युवाओं का रूख, इस चुनाव की असली चाभी माना जा रहा है।
14 नवंबर को होना है मतगणना
जातीय समीकरण मौजूद हैं, पर कई सीटों पर साइलेंट वोटर ने पुरानी गणित को चुनौती दी है। उम्मीदवारों के कैंप में न तनाव कम है और न उत्साह ज्यादा। हर कोई कह रहा है माहौल तो हमारे पक्ष में है, मगर असल माहौल ईवीएम में बंद है। अब 14 नवंबर को मतगणना होना है। इससे यह साबित होगा कि किसके सिर बंधा विजय का तिलक।
महिलाओं का साइलेंट वोट सबसे निर्णायक
परंपरागत ब्राह्मण, राजपूत, कायस्थ, यादव, कुशवाहा, अति पिछड़ा और मुस्लिम वोट सभी अपनी-अपनी भूमिका में केंद्र में हैं, मगर इन सभी के ऊपर इस बार महिलाओं का साइलेंट वोट सबसे निर्णायक माना जा रहा है। शहर और देहात दोनों में मतदान के बाद की गहरी चुप्पी इस चुनाव को और रोचक बना रही है। जहां युवा वर्ग ने रोजगार और शिक्षा को अपना आधार बनाया, वहीं कई सीटों पर जातीय गोलबंदी साफ दिखी, पर कई जगह पीढ़ीगत सोच और विकास बनाम असंतोष ने पुराने समीकरणों को हिला दिया। |