LHC0088 • 2025-11-7 14:06:22 • views 851
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में गोविंद बल्लभ पंत इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च (जीआइपीएमईआर) अस्पताल में नर्स को अकेले मिलने के लिए दबाव बनाने की शिकायत पर बृहस्पतिवार को भी कोई कार्रवाई न होने से आक्रोशित नर्सों ने अपना हस्ताक्षर अभियान तेज कर दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नर्सेज एसोसिएशन ऑफ जीआइपीएमईआर ने सरकार से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। साथ ही आंदोलन की चेतावनी दी है। इस बीच जीआइपीएमईआर अस्पताल प्रशासन ने यूनियन कार्यालय को खाली करने के दिए गए अपने आदेश के अनुपालन में यूनियन कार्यालय को सील कर दिया। इससे अस्पताल में तनाव बढ़ गया है।
जीआइपीएमईआर अस्पताल में अस्पताल प्रशासन और नर्सों के बीच चल रहे इस विवाद के बीच नर्सेज एसोसिएशन ऑफ जीआइपीएमईआर के असली प्रतिनिधि बताते हुए दो गुट आमने-सामने आ गए हैं। कपिल और देवेंद्र जैन ने खुद को नर्सेज एसोसिएशन ऑफ जीआइपीएमईआर का असली प्रतिनिधि बताते कार्यालय सील करने की प्रशासनिक कार्रवाई का समर्थन किया।
अध्यक कपिल और महामनत्री देवेंद्र जैन ने कहाकि जेस्सिमानी केटी गुट ने पूर्व निदेशक की शह पर अलोकतांत्रिक तरीके से संगठन और यूनियन कार्यालय पर कब्जा किया और चुनाव नहीं कराए, जबकि लोकतांत्रितक एसोसिएशन के प्रतिनिधि हैं। सारा मामला कोर्ट में लंबित है। अस्पताल प्रशासन ने कोर्ट के निर्देशों के तहत ही यह कदम उठाया है।
उधर, जेस्सिमानी केटी ने कपिल और देवेंद्र जैन के आरोपों को नकारते हुए दावा किया कि वही नर्सेज एसोसिएशन आफ जीआइपीएमईआर के असली प्रतिनिधि हैं। अस्पताल प्रशासन ने यूनियन कार्यालय को खाली करने के उन्हें दिए गए नोटिस में इस बात को स्वीकार किया है। उन्हें एसोसिएशन का अध्यक्ष कह कर संबोधित किया है। उनके पक्ष में इससे बड़ा प्रमाण और क्या होगा।
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बताया कि उन्होंने कार्यालय खाली करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने 21 दिन का समय मांगा था जो उन्हें नही दिया गया और जबरन कायार्लय को सील कर दिया गया। कहाकि जल्द ही वह इस संदर्भ में स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सिचव से मिल अपना विरोध दर्ज कराएंगी। |
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