LHC0088 • 2025-11-5 20:07:28 • views 313
संवाद सूत्र, सीतापुर। मार्ग दुर्घटनाएं और उनमें मरने वालों का आंकड़ा प्रतिवर्ष बढ़ता ही रहा है। जिले में प्रतिदिन कम से कम दो लोगों की मौत हादसे में हो रही है। यह हम नहीं बल्कि यातायात के आंकड़े बता रहे है, अधिकांश हादसों में यातायात नियमों की अनदेखी सामने आ रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हादसों में कमी लाने के लिए शासन की ओर से निगरानी शुरू कर दी गई है। शासन के निर्देश के बाद जिले में दस ऐसे नए स्थान चिह्नित किए जा रहे है, जहां पर दुघर्टना बाहूल्य क्षेत्र लिखा जाएगा, जिसके बाद हादसों को रोकने का विभागीय अधिकारी प्रयास करेंगे।
अक्टूबर माह में मार्ग दुघर्टना में करीब 51 लोगों की असमय मौत हो चुकी है। इसमें ज्यादातर हादसे नेशनल हाईवे पर हुए है।
पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए हो रही यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए निर्देश दिए है। उन्होने निर्देश दिया है कि रोड इंजीनियर सर्वाधिक मार्ग दुघर्टना वाले मार्गों का स्थलीय निरीक्षण अगर कोई समस्या हो तो तत्काल दुरुस्त किया जाए। इसके साथ ही आवश्यकता पड़े तो नए ब्लैक स्पाट चिह्नित कर हादसों को रोकने के लिए सुधार के कार्य किए जाएं।
इसपर यातायात व परिवहन विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से बैठक जिले में 10 नए ब्लैक स्पाट चिह्नित करने की योजना बना रहे हैं। इसमें नेशनल हाईवे पर ब्लैक स्पॉट बढ़ाने का प्लान बनाया जा रहा है। जिले में कुल 30 ब्लैक स्पाट है, जिसमें 12 हाईवे के हैं।
यह होता है ब्लैक स्पॉट
एआरटीओ सर्वेश चतुर्वेदी ने बताया कि मार्ग दुर्घटनाएं रोकने के लिए ब्लैक स्पाट चिह्नित किए जाते हैं। इससे दुर्घटना-संभावित क्षेत्र की पहचान करके उन पर सुधार का काम किया जाता है। इन स्थानों पर रोड के इंजीनियर के साथ मिलकर खतरनाक मोड़ को ठीक करने के साथ यातायात नियमों को कड़ाई से लागू व ड्राइवरों के बीच जागरूकता अभियान चलाकर जागरूक करना। इसलिए नए दस ब्लैक स्पाट चिह्नित किए जा रहे हैं।
मार्ग दुर्घटना रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। लोगों से अपील भी की जा रही है कि यातायात नियम पालन करने के साथ वाहनों को चलाए। इससे काफी हद तक सुरक्षित रह सकते हैं।- फरीद अहमद, यातायात प्रभारी। |
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