40 साल पहले आई बॉलीवुड़ की वो शापित फिल्म
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली. बॉलीवुड के इतिहास में अबतक कई ऐसी फिल्में आईं, जो किसी ना किसी वजह से खूब चर्चा में रहीं। अक्सर ऐसे किस्से और कहानी हमनें खूब सुने और देखे हैं कि ये फिल्म मनहूस है या फिर शापित हैहिंदी सिनेमा के इतिहास में कई फिल्में ऐसी रही हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे बनाने में सालों लग गए और तो और फिल्म जबतक बनी तबतक इसके डायरेक्टर और एक्टर की भी मौत हो गई। कौन सी है वो मनहूस फिल्म, आइए जानते हैं... विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
क्यों शापित बनी फिल्म \“लव एंड गॉड\“?
साल 1986 में एक फिल्म आई, जिसका नाम था \“लव एंड गॉड\“ (Love and game)। इस फिल्म को डायरेक्ट किया के.आसिफ ने और फिल्म में लीड रोल में निम्मी और संजीव कुमार थे। इस फिल्म को बनने में पूरे 24 साल लग गए थे। फिल्म की रिलीज इतनी टली कि इस बीच में फिल्म के डायरेक्टर के आसिफ (K.Asif) का निधन हो गया और फिल्म के दो एक्टर्स की भी जान चली गई। के आसिफ इस फिल्म से पहले मुगल-ए-आजम (Mughal E Azam) बना चुके थे। उनकी ख्वाहिश थी कि वो कुछ ऐसा ही मैजिक क्रिएट करें, लेकिन ऐसा ना हो सका। फिल्म पर मुश्किलें आती गईं और ये फिल्म टलती गई और धीरे-धीरे फिल्म पर मनहूस फिल्म का ठप्पा लग गया।
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गुरूदत्त का हुआ निधन
के.आसिफ ने जब इस फिल्म पर काम करना शुरू किया तो उन्होंने ये फैसला किया कि फिल्म को लैला और मजनू पर बनाया जाएगा। फिल्म की कहानी दो अरबी किरदारों \“लैला और कैश\“ की थी। इसके लिए उन्होंने तैयारी भी और उस वक्त के सबसे टॉप एक्टर गुरूदत्त (Gurudutt) को इस फिल्म के लिए फाइनल किया। साल 1962 में फिल्म की शूटिंग भी शुरू हुई लेकिन कुछ दिनों बाद ही उनका निधन हो गया। गुरूदत्त उस वक्त आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे, उन्होंने अपना घर भी गिरवी रख दिया था। कहा जाता है कि वो डिप्रेशन के ऐसे शिकार हुए कि उन्होंने खुदकुशी कर ली। इसके बाद के.आसिफ की ये फिल्म फिर से लटक गई और फिल्म रुक गई।
संजीव कुमार-निम्मी को लेकर फिर बनाई फिल्म
सालों बाद के.आसिफ की हिम्मत फिर जागी। उन्होंने तय किया कि अब वो इस फिल्म को अंजाम तक लेकर ही जाएंगे। फिर उन्होंने फिल्म में संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) को मजनू और निम्मी (Nimmi) को लैला के रोल के लिए फाइनल किया। बताया जाता है कि के.आसिफ फिल्म के हीरो संजीव कुमार को टेस्ट करना चाहते थे, कि क्या वो राजस्थान में शूटिंग कर पाएंगे। इसलिए उन्होंने संजीव को अपनी एक और फिल्म सस्ता खून महंगा पानी में कास्ट किया। इसकी शूटिंग भी राजस्थान में होनी थी और उधर लव एंड गॉड को भी वहीं शूट किया जाना था। संजीव कुमार इस टेस्ट में पास हुए और इस तरह उन्हें ये फिल्म मिल गई।
के.आसिफ की हो गई मौत
आखिरकार मुश्किल और जद्दोजहद के बाद फिल्म की शूटिंग साल 1970 में दोबारा शुरू हुई। इसी बीच साल 1971 में संजीव कुमार अपने दूसरे प्रोजेक्ट्स में कुछ वक्त के लिए बिजी हुए। हालांकि उस वक्त फिल्मों में काम होने में और शूटिंग में थोड़ा वक्त तो लगता ही था। अपने काम को निपटाकर जब संजीव कुमार के.आसिफ के घर उनसे मिलने गए। इसी बीच अचानक के.आसिफ को सांस लेने में दिक्कत हुई और उन्होंने संजीव कुमार की बांहों में ही दम तोड़ दिया। ये देखकर संजीव कुमार भी स्तब्ध रह गए और उन्हें कुछ समझ नहीं आया कि आखिर हो क्या रहा है।
संजीव कुमार की भी हुई मौत
के.आसिफ की मौत ने संजीव कुमार को अंदर से झकझोर दिया था। फिल्म की शूटिंग बार-बार रुक रही थी। फिल्म पर लगाने के लिए पैसों की भी दिक्कत आई, लेकिन कैसे भी करके संजीव कुमार फंड जुटाने में लग गए। उन्होंने कई प्रोड्यूसर्स और यहां तक कि दिलीप कुमार से भी मदद मांगी, लेकिन कोई आगे नहीं आया। फिर संजीव कुमार प्रोड्यूसर केसी बोकाडिया से मिले। आखिरकार उन्होंने \“लव एंड गॉड\“ को फंड देने के लिए हामी भर दी। शूटिंग भी शुरू हुई और लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। कुछ दिन बाद ही संजीव कुमार की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
इस फिल्म ने लोगों के दिलों में दहशत पैदा कर दी और कहा कि ये मनहूस और शापित फिल्म है। तीन मौतें इस फिल्म के चलते हुईं, लेकिन केसी बोकाडिया ने फिल्म पर पैसा लगाया था तो उन्हें कैसे भी करके ये फिल्म रिलीज करनी थी। फिल्म की बची हुई शूटिंग बॉडी डबल के साथ हुई और आखिरकार \“लव एंड गॉड\“ साल 1986 में रिलीज हुई, लेकिन फिल्म की एडिटिंग और बाकी काम इतना खराब था कि इसे किसी ने पसंद नहीं किया और ये फिल्म फ्लॉप रही।
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