प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई फाइल फोटो।(जागरण)
संवाद सूत्र, रामगढ़। रामगढ़ विधानसभा चुनाव की लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंचने से पहले मतदाताओं की खामोशी ने प्रत्याशियों के दिल की धड़कन को बढ़ा दी है।
सभी प्रत्याशियों में प्रमुख तीन दलों के प्रत्याशी को जनता तौल रही है। पैसा से लेकर फल को भी तराजू पर रख प्रत्याशी के वजन को मापा जा रहा है तो कहीं दूध से स्नान कराया जा रहा है।
राजनीतिक के खेल में जनता इस बार माहिर है। हर किसी को अपने हिसाब से तौल रही है। उनकी खामोशी प्रत्याशी को कुछ सोचने पर मजबूर कर रही है।
35 पंचायत वाले रामगढ़ विधानसभा में तीन प्रखंड रामगढ़, नुआंव व दुर्गावती का सीडी ब्लॉक है। वर्ष 2020 के चुनाव में कुल 2,77,913 मतदाता थे। तब 12 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे। उस चुनाव में पहली बार प्रत्याशियों की संख्या में इतना बड़ा इजाफा हुआ था। इसके पहले या इसके बाद में इतने प्रत्याशी कभी चुनावी मैदान में नहीं थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वर्ष 2025 के चुनाव में छह प्रत्याशी चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। जबकि 2024 के हुए उपचुनाव में प्रत्याशियों की संख्या छह थी। उपचुनाव से अधिक मुख्य चुनाव में मतदाताओं की उत्सुकता रही थी। जिसके चलते 2020 में 1,76,737 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग किए थे। तब यहां का मतदान प्रतिशत 63.80 प्रतिशत था।
वहीं, चार साल बाद इस रिक्त सीट के लिए हुए उपचुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ने की बजाए और घट गया। 1,68,329 मतदाता ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। जबकि मतदाता की संख्या ज्यों की त्यों रही। फिर भी मतदान का प्रतिशत घटकर 55 प्रतिशत रह गया था।
यानी मुख्य चुनाव से 10 हजार कम वोट पड़े थे। वर्ष 2025 के हो रहे विधानसभा चुनाव में रामगढ़ विधानसभा में कुल मतदाता 2,78,843 है। जबकि 8 हजार से अधिक मतदाता का नाम हटाया गया है। पहले के मतदाता सूची से इस बार केवल 883 मतदाता की वृद्धि हुई है।
प्रशासन द्वारा मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए लगातार मतदाता जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। अब देखना है कि इस बार के चुनाव में मतदान प्रतिशत में कितना इजाफा हो रहा है। बहरहाल मतदाताओं की खामोशी ने प्रत्याशियों के गणित को उलझाकर रख दिया है।
यहां 11 नवंबर को मतदान है। सभी प्रत्याशियों ने प्रचार प्रसार में पूरी ताकत लगा दिया है। अब देखना यह है कि 14 नवंबर को ताज किसके सिर चढ़ता है। |