कनाडा अपने वीजा नियमों में करने जा रहा बदलाव। (प्रतीकात्मक तस्वीर)  
 
  
 
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कनाडा अपने वीजा के नियमों में बदलाव करने जा रहा है। इसका सीधा असर भारतीयों पर होने की संभावना है। कनाडा की संसद में पेश हुआ ये विधेयक भारतीयों की चिंता बढ़ा रहा है।  
 
दरअसल, कनाडा की संसद में पेश हुए इस बिल में प्रस्ताव है कि कनाडा की अथॉरिटी को पावर दी जाए कि वे कभी भी किसी अस्थायी वीजा वाले भारतीय प्रवासी को बाहर निकालने का आदेश दे सके। इसके अलावा अथॉरिटी के पास ये अधिकार दिया जाए कि वह किसी अस्थायी वीजा को जारी ही ना होने दे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
सीबीसी न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, आंतरिक कनाडाई अधिकारियों ने भारत और बांग्लादेश से आने वाले फर्जी आगंतुक वीजा आवेदनों की पहचान करने और उन्हें रद करने के लिए अमेरिकी संस्थाओं के साथ साझेदारी की है।  
कई मायनों में अहम है ये विधेयक  
 
ध्यान देने वाली बात है कि ये रिपोर्ट ओटावा की ओर से अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर लगाए गए प्रतिबंधों के बीच आई है। अगर यह बिल संसद से पारित होता है, तो इसका बुरा असर भारतीयों पर देखने को मिलेगा। कनाडा का ये विधेयक अहम है, क्योंकि इसे ऐसे समय पर लाया गया है जब भारतीय छात्रों की ओर से दिए गए 74 प्रतिशत वीजा आवेदनों को कनाडा की ओर से रद कर दिया गया है।  
कनाडा ने क्यों की वीजा के नियमों में सख्ती?  
 
गौरतलब है कि भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में जस्टिन ट्रूडो के दौर से ही गिरावट देखने को मिली थी। इस बीच कनाडा ने वीजा के नियमों में सख्ती की है, जिसको भारत के खिलाफ उठाए गए कदम के तौर पर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि ये प्रस्ताव कनाडा के इमिग्रेशन मंत्री की ओर से रखा गया है। प्रस्ताव के अनुसार, कनाडा के इमिग्रेनशन रिफ्यूजी एंड सिटिजनशिप डिपार्टमेंट, कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी और अमेरिकी अथॉर्रिटी एक साथ मिलकर काम करेंगे।  
नए नियमों के खिलाफ भड़का लोगों का गुस्सा  
 
नए निमयों के अनुसार, इन सभी अथॉर्रिटीज को ये अधिकार दिया जाएगा कि वह कभी भी किसी भी अस्थायी वीजा को कैंसिल कर सकते हैं, या फिर जारी ना करें। हालांकि, सामने आए इस प्रस्ताव पर विवाद हो गया है और कनाडा के कई इलाकों में प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।  
 
कथित तौर पर 300 से अधिक लोगों ने नागरिक समाज संगठनों ने इस कानून पर चिंता व्यक्त की है। इन संगठनों का कहना है कि सामूहिक आवेदन रद्द करने से सरकार को सामूहिक निर्वासन मशीन स्थापित करने का मौका मिल जाएगा।  
 
बताया जा रहा है कि सरकार अपने बढ़ते आवेदनों के बोझ को कम करने के लिए सामूहिक आवेदन रद करने की शक्ति की मांग कर रही है।  
क्या भारतीयों को बनाया गया निशाना?  
 
कनाडा की संसद में पेश हुए इस प्रस्ताव को भारत के खिलाफ उठाए गए कदम के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, इस दौरान इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि भारत से कनाडा जाने वाले वीजा आवेदनों में बड़ा इजाफा हुआ है। कनाडा जाने के लिए 2023 मई में महज 500 आवेद हुए थे। वहीं, जुलाई 2024 में यह आंकड़ा बढ़ा और 2000 के करीब पहुंच गया। कनाडा प्रशासन इतनी बड़ी संख्या में प्रवासियों के आने को लेकर काफी चिंतित है। इसी कारण वीजा के नियमों में सख्ती की तैयारी की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि बड़े पैमाने पर वीजा के लिए आवेदन होने के कारण प्रसेसिंग टाइमिंग को बढ़ा दिया गया है।   
 
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