डायल का दावा कि पिछले वर्ष के मुकाबले ट्रांजिट यात्रियों की संख्या में 34 प्रतिशत की बढ़ोतरी।  
 
  
 
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आईजीआई एयरपोर्ट दुनिया के पूर्वी हिस्से व पश्चिमी हिस्से के बीच पुल का काम कर रहा है। ट्रांजिट यात्रियों की संख्या में पिछले एक वर्ष के दौरान हुई बढ़ोतरी यह साफ बयां कर रही है कि यह दुनिया का पसंदीदा ट्रांजिट एयरपोर्ट बनने की दिशा में लगातार अग्रसर है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
आईजीआई एयरपोर्ट संचालन एजेंसी डायल का कहना है कि पिछले वर्ष सितंबर से इस वर्ष अगस्त के बीच आईजीआई एयरपोर्ट से गुजरने वाले अंतरराष्ट्रीय ट्रांजिट यात्रियों की संख्या 6.7 लाख तक पहुंच गई, जो पिछले साल के मुकाबले 34 प्रतिशत ज्यादा है।  
 
इसमें पूर्व से पश्चिम ट्रैफिक में 34 प्रतिशत, पश्चिम से पूर्व में 35 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई। आंकड़ों के विश्लेषण के बाद डायल का दावा है कि एशिया और यूरोप के बीच सफर में अधिकांश यात्री पहले पड़ाव के लिए आईजीआई एयरपोर्ट को पसंद कर रहे हैं।  
एअर इंडिया व इंडिगो की सर्वाधिक हिस्सेदारी  
 
ट्रांजिट यात्रियों की संख्या में एअर इंडिया और इंडिगो की सबसे अधिक भागीदारी है। एअर इंडिया ने कुल ट्रांजिट ट्रैफिक का 67 प्रतिशत और इंडिगो ने 25 प्रतिशत संभाला। दोनों मिलकर दिल्ली एयरपोर्ट के 90 प्रतिशत से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय ट्रैफिक को संभाल रहे हैं।  
 
डायल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विदेह कुमार जयपुरियार का कहना है कि आईजीआई अब ग्लोबल कनेक्टिविटी का केंद्र बन चुका है। दिल्ली यूरोप, पूर्वी एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ने वाला भारत का प्रमुख द्वार है।  
 
लंदन, बैंकाक या टोक्यो, हर दिशा में हमारा नेटवर्क मजबूत हो रहा है। इतना ही नहीं आईजीआई एयरपोर्ट अब भारत–थाइलैंड के बीच सबसे बड़ा गेटवे भी बन गया है, जहां से हर हफ्ते 120 उड़ानें चार शहरों बैंकाक, फुकेट, क्राबी और डान मुआंग के लिए रवाना होती हैं।  
कई नई उड़ानें हाेंगी शुरू  
 
एअर इंडिया और इंडिगो आने वाले समय में कई नई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने जा रहे हैं। दिल्ली से मैनचेस्टर (15 नवंबर), हनोई (20 दिसंबर) और ग्वांगझू (10 नवंबर) के लिए सीधी सेवाएं शुरू होंगी। साथ ही, जापान एयरलाइंस आगामी जनवरी से नई दिल्ली और टोक्यो नारिता के बीच नई उड़ान सेवा शुरू करने की योजना बना रही है।  
 
इन नए संपर्कों के साथ आईजीआई एयरपोर्ट अब दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया का सबसे आधुनिक और बेहतर जुड़ा हुआ एयरपोर्ट बन गया है, जो भारत को वैश्विक स्तर पर पहले से कहीं अधिक तेजी और सुविधा के साथ जोड़ रहा है। भारत की कुल 458 थाइलैंड उड़ानों में दिल्ली का हिस्सा 26 प्रतिशत है। इसी तरह भारत-ब्रिटेन उड़ानों में दिल्ली की हिस्सेदारी 38 प्रतिशत है।  
 
  
 
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