UPI यूजर्स ध्यान दें! RBI की नई गाइडलाइन से सीखिए 5 स्मार्ट ट्रिक, आपका पैसा रहेगा पूरी तरह सेफ
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। ऑनलाइन पेमेंट के लिए आज UPI का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ गया है। इसने हमारे रोजाना के लेनदेन को आसान और फास्ट बना दिए है, लेकिन जैसे-जैसे डिजिटल पेमेंट का चलन बढ़ा रहा है, वैसे-वैसे ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इसी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने नई UPI सुरक्षा गाइडलाइन जारी कर दी है ताकि आम यूजर साइबर ठगों के जाल में न फंस जाए। RBI ने 5 ऐसे अहम नियम बताए हैं जिन्हें फॉलो करने पर यूजर्स अपने बैंक अकाउंट और डिजिटल पेमेंट को 100% तक सेफ रख सकते हैं। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं... विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अनजान लिंक या QR कोड न करें स्कैन
RBI ने नई UPI सुरक्षा गाइडलाइन में बताया है कि फिशिंग लिंक और नकली QR कोड UPI फ्रॉड के सबसे आम हथियार हैं। कभी कभी ठग रिफंड या कैशबैक के नाम पर लिंक या QR कोड सेंड कर देते हैं। इसके बाद जैसे ही यूजर्स इसे क्लिक या स्कैन करते हैं तो, उसके बैंक डिटेल्स चोरी हो जाते हैं।
UPI PIN या OTP न करें शेयर
ऐसा भी देखा गया है कि कई साइबर ठग खुद को पहले बैंक का अधिकारी या पेमेंट ऐप का एजेंट बताकर OTP या PIN मांग लेते हैं लेकिन RBI ने साफ कहा है कि कोई भी वैध संस्था कभी भी यूजर से OTP, PIN या पासवर्ड नहीं मांगेगा।
ऑफिशियल ऐप और वेबसाइट से करें ट्रांजैक्शन
RBI ने बताया है कि फेक UPI ऐप्स और वेबसाइट्स तेजी से फैल रहे हैं जो देखने में बिलकुल असली ऐप्स जैसे लग सकते हैं। ऐसे ऐप्स आपके अकाउंट की जानकारी चुरा सकते हैं। इसलिए ऐप डाउनलोड करते टाइम डेवलपर का नाम चेक करें।
नाम और UPI ID दो बार चेक करें
RBI ने UPI सुरक्षा गाइडलाइन में यह भी सलाह दी है कि किसी को पेमेंट सेंड करने से पहले उसका नाम, मोबाइल नंबर या UPI ID ध्यान से चेक करें। कई ठग फेक नाम से अकाउंट बना लेते हैं जो असली ब्रांड या किसी दोस्त जैसे लग सकते हैं। ऐसे में पेमेंट करते टाइम जिसे पैसे भेज रहे हैं उसका नाम भी चेक करें।
फ्रॉड होते ही करें शिकायत
अगर आपके साथ किसी भी तरह का UPI फ्रॉड हो जाए तो देरी बिलकुल न करें। RBI ने बैंक्स को निर्देश दिया है कि वो 24 घंटे के अंदर यूजर की शिकायत दर्ज करें। इसके लिए आप अपने बैंक के कस्टमर केयर से तुरंत कांटेक्ट कर सकते हैं। ऐसी कंडीशन में आप 1930 (National Cyber Helpline) पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत करें।
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