गीता जयंती का धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में 15 नवंबर को होगा आगाज (फोटो: जागरण)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव इस बार और भव्य होगा। महोत्सव में पहली बार लगातार 21 दिन तक विभिन्न तरह के कार्यक्रम चलेंगे, जिसमें हर वर्ग की साझीदारी रहेगी।
मध्य प्रदेश भागीदार राज्य (पार्टनर स्टेट) बना है, जबकि भागीदार देश के लिए अभी विदेश मंत्रालय के स्तर पर वार्ता का दौर चल रहा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को हरियाणा निवास में महोत्सव की तैयारियों को साझा करते हुए बताया कि 15 नवंबर को कुरुक्षेत्र में दसवें अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का आगाज होगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह पांच दिसंबर तक चलेगा। समारोह स्थल पर भागीदार राज्य के नाते मध्य प्रदेश का अलग से पवेलियन बनाया जा रहा है, जहां लोगों को वहां की संस्कृति और खान-पान के बारे में जानकारी मिलेगी।
24 नवंबर को ब्रह्म सरोवर पर गीता यज्ञ व पूजन के साथ मुख्य कार्यक्रमों का शुभारंभ होगा। 25 नवंबर को गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस के समापन अवसर कुरुक्षेत्र आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गीता जयंती कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।
राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआइडी), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी), आयुष विश्वविद्यालय और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में भगवद् गीता पर सेमिनार होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुरुक्षेत्र को गीता स्थली के रूप में पहचान दिलाने की पहल शुरू की थी। इसके बाद सरकार ने वर्ष 2016 से गीता जयंती को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाना शुरू किया।
भगवान कृष्ण द्वारा महाभारत में अर्जुन को गीता का उपदेश दिए जाने के पांच हजार 163 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हर साल बढ़ रही है, जिसके चलते प्रबंधों का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है।
26 नवंबर को पदम विभूषण रामभद्राचार्य द्वारा जीओ गीता के तत्वाधान में कथा वाचन किया जाएगा। 30 नवंबर से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनेट हाल में अखिल भारतीय देवस्थानम सम्मेलन होगा, जिसमें कई देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि विदेश मंत्रालय के सहयोग से इंडोनेशिया, कनाडा, अमेरिका समेत कई देशों में गीता जयंती का आयोजन हो चुका है। इस बार महोत्सव के दौरान कुरुक्षेत्र विवि में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय गीता गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें कई विद्वान आनलाइन माध्यम से अपने शोध पत्र पेश करेंगे।
16 देशों के 25 विद्वानों की उपस्थिति में यह आयोजन होगा। 51 देशों में होने वाले गीता जयंती महोत्सव का सीधा प्रसारण किया जाएगा। विदेश मंत्रालय द्वारा विभिन्न देशों में अनुवादित गीता की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
15 नवंबर से पांच दिसंबर तक ब्रह्मसरोवर तट पर प्रतिदिन भजन संध्या एवं महाआरती होगी। 25 नवंबर से एक दिसंबर तक 48 कोस भूमि तीर्थों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। एक दिसंबर को गीता यज्ञ और भागवत कथा होगी। इसी दिन थीम पार्क कुरुक्षेत्र में एक साथ 18 हजार विद्यार्थी गीता का वैश्विक पाठ करेंगे। साथ ही 182 तीर्थों पर दीपोत्सव होगा।
28 नवंबर से सभी जिला मुख्यालयों पर गीता जयंती कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। एक दिसंबर को जिला मुख्यालयों पर गीता शोभा यात्रा का आयोजन होगा। इस दिन प्रत्येक जिले में 1800 विद्यार्थी एक ही समय में गीता का वैश्विक पाठ करेंगे। इसी तरह सभी गांवों में दीपोत्सव मनाया जाएगा।
स्वामी ज्ञानानंद का कहना है कि गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का आयोजन शुरू किए जाने के बाद कुरुक्षेत्र तथा भगवद् गीता को वैश्विक पहचान मिली है।
कुरुक्षेत्र की धार्मिक मान्यता तथा पर्यटन स्थल के रूप में अंतरराष्ट्रीय पहचान बढ़ी है। वर्ष 2014 के बाद हो रहे नियमित आयोजन से कुरुक्षेत्र का स्वरूप बदला है। देश के कई प्रबुद्ध कथा वाचकों के यहां कथा करने के लिए नियमित आवेदन आने लगे हैं। यह बहुत बड़े बदलाव का संकेत है। |