जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में एक माह से एमसीडी मुख्यालय के गेट संख्या पांच के सामने समान वेतन समेत अन्य मांगों को प्रदर्शन व हड़ताल कर रहे डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) को पुलिस हटा दिया है।
बृहस्पतिवार की सुबह पुलिस धरना स्थल पर पहुंची और वहां पर पिकेट लगाकर बीएनएस 163 लागू होने की जानकारी कर्मचारियों की दी। इसके बाद कर्मचारी तब भी धरना स्थल से नहीं हटे तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
कर्मचारी यूनियन के अनुसार, तीन हजार कर्मचारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया। इसके बाद पटेल नगर समेत दिल्ली के अलग-अलग पुलिस थानों पर कर्मचारियों को रखा गया। जहां कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर एमसीडी प्रशासन द्वारा पुलिस के जरिए अपनी आवाज दबाने की बात कही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वहीं, एमसीडी के नेता सदन प्रवेश वाही का कहना है कि वह कर्मचारियों के मुद्दों को लेकर संवेदनशील है। निगम उप चुनावों की आचार संहिता लागू हो गई है। इसकी वजह से शायद पुलिस ने यह कदम उठाया होगा। हमारी शुक्रवार को कर्मचारियों के साथ बैठक हैं हम उनसे बैठकर बात करेंगे और उनके मुद्दों का समाधान करेंगे।
डीबीसी कर्मचारी 29 सितंबर से निगम मुख्यालय के पास प्रदर्शन कर रहे थे। साथ ही इस दौरान उन्होंने काम बंद कर रखा था। निगम के नेताओं से कर्मचारियों की कई दौर की बात हुई लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया। वहीं, 30 नवंबर को निगम के 12 सीटों पर उप चुनाव होने हैं। ऐसे में पुलिस ने हरकत में आते हैं कर्मचारियों को सुबह-सुबह ही धरना स्थल से हटा दिया।
एंटी मलेरिया एकता कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष देवानंद शर्मा ने कहा कि कर्मचारी पुलिस के दवाब से मानेंगे नहीं। हम कल फिर प्रदर्शन करेंगे। बृहस्पतिवार को कर्मचारियों को जबरन प्रदर्शन स्थल से हटाया गया और नौ पुलिस थानों में रखा गया। उन्होंने कहा फिर भी प्रशासन हमारी बात नहीं मानेगा तो हम गली-गली जाकर पैदल मार्च कर जनता को भी बताएंगे।
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उल्लेखनयी है कि निगम में करीब 4500 से अधिक डीबीसी कर्मचारी है। वर्ष 2023 में इनके पदनाम एटीएस (पब्लिक हेल्थ) कर दिया था। इन कर्मचारियों में से 270 से अधिक कर्मचारियों को 27 हजार रुपये का वेतन मिल रहा है जबकि शेष कर्मचारियों को 17 हजार तक का वेतन मिल रहा है। साथ ही कर्मचारी छुट्टियां मिलने और मेडिकल सुविधा देने की भी मांग कर रहे हैं। |