देवउठनी एकादशी पर जगेंगे भगवान विष्णु, शुरू होंगे मांगलिक कार्य
संवाद सूत्र, बगहा। भगवान विष्णु को समर्पित पवित्र एकादशी का त्योहार इस बार शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन प्रबोधिनी एकादशी, जिसे देवउठनी एकादशी भी कहा जाता है, के साथ तुलसी विवाह और व्रत का आयोजन किया जाएगा।
अगले दिन रविवार, दो नवंबर को एकादशी व्रत का पारण होगा। इसके बाद सोमवार, तीन नवंबर को सोमप्रदोष व्रत तथा मंगलवार, चार नवंबर को श्री बैकुंठ चतुर्दशी व्रत मनाया जाएगा। इस दिन व्रती स्नान, ध्यान, पूजा-पाठ, दान और उपवास के माध्यम से पुण्य अर्जित करेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नरईपुर निवासी आचार्य राजीव कुमार मिश्र ने बताया कि पवित्र कार्तिक मास के समापन पर पांच नवंबर, बुधवार को कार्तिक स्नान पूर्णिमा का व्रत मनाया जाएगा। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व माना गया है।
आचार्य मिश्र ने बताया कि नारायणी स्नान करने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी दिन शाम को चंद्रमा को अर्ध्य देकर देव दीपावली का पर्व भी मनाया जाएगा। सावन की तरह कार्तिक मास भी सनातन धर्म के लिए अत्यंत शुभ और पुण्यदायी माना गया है।
आचार्य मिश्र ने बताया कि हरिशयनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु शयन में चले जाते हैं, जिसके कारण इस अवधि में विवाह, मुंडन और गृहप्रवेश जैसे सभी मांगलिक कार्य स्थगित रहते हैं। देवउठनी एकादशी को भगवान शयनावस्था से जागकर पुनः जगत कल्याण कार्य में प्रवृत्त होते हैं। इस दिन के बाद से ही सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत शुभ मानी जाती है।
आचार्य ने कहा कि इस बार विशेष योग बन रहा है, जिसमें श्रद्धालु मनोयोग से भगवान की पूजा कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं।
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