क्यों जरूरी है गर्भनिरोधक, जानें इसके फायदे (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अच्छी हेल्थ के लिए सिर्फ खानपान और एक्सरसाइज ही नहीं, बल्कि जागरूकता भी जरूरी है। जागरूकता सेहत और इससे जुड़ी जरूरी बातों के बारे में। गर्भनिरोधक यानी कॉन्ट्रासेप्शन इन्हीं में से एक है, जो सेहत पर सीधा और गहरा असर डालता है। इसलिए लोगों को इसके बारे में जागरूक करने के मकसद से हर साल 26 सितंबर को वर्ल्ड कॉन्ट्रासेप्शन डे मनाया जाता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस दिन का मकसद कॉन्ट्रासेप्शन के तरीकों के साथ-साथ सेक्शुअल और रिप्रोडक्टिव हेल्थ के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है। इस खास मौके पर हमने मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स गुरुग्राम में ऑब्सट्रेटिक्स और गाइनेकोलॉजी की क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. पल्लवी वासल से बात की और जाना कि क्यों कॉन्ट्रासेप्शन जरूरी है।
क्यों जरूरी है कॉन्ट्रासेप्शन?
डॉक्टर बताती हैं कि गर्भनिरोधक यानी कॉन्ट्रासेप्शन महिलाओं को अपनी रिप्रोडक्टिव हेल्थ के बारे में विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित करता है और अनचाही प्रेग्नेंसी, असुरक्षित गर्भपात और मां-बच्चे की डेथ रेट को कम करने में योगदान करता है। हालांकि, इसके फायदे सिर्फ प्रेग्नेंसी रोकने से कहीं ज्यादा हैं। आइए जानते हैं इसके कुछ कॉन्ट्रासेप्शन फायदे-Navratri 2025, Navratri Day 5 color, Navratri 2025 outfits, gray outfit ideas Navratri, how to style gray for Navratri, Navratri Day 5 gray outfit, Navratri fashion tips, Navratri traditional look, gray chaniya choli ideas, styling anarkali for Navratri, jewelry for gray lehenga, makeup with gray outfit, hairstyles for Navratri, lifestyle, fashion, jagran news,
- अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकता है- कॉन्ट्रासेप्शन अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने में मदद करता है। इससे हाई रिस्क वाले अब्जॉर्प्शन और महिला मृत्यु दर के खतरे को कम किया जा सकता है।
- कैंसर का खतरा कम करता है- लंबे समय तक हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्शन का इस्तेमाल करने से ओवेरियन और एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा कम हो सकता है। साथ ही बैरियर मेडर्थ सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन और इसकी वजह से सर्वाइकल, वल्वल और पेनाइल कैंसर को रोकने में मदद करते हैं।
- मेंस्ट्रुअल हेल्थ मैनेज करे- कॉन्ट्रासेप्शन पीरियड साइकिल को कंट्रोल करता है, हैवी ब्लीडिंग को कम करता है और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) और एंडोमेट्रियोसिस जैसी कंडीशन के लक्षणों को कम करता है।
- मेंटल हेल्थ में सुधार करता है- कॉन्ट्रासेप्टिव्स अनचाही प्रेग्नेंसी से जुड़ी चिंता को कम करके मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने में योगदान देता है।
कितने तरह के होते हैं कॉन्ट्रासेप्टिव्स
- टेम्परेरी कॉन्ट्रासेप्टिव्स- इस तरह के ऑप्शन को \“बेरियर मेथेड्स\“ कहा जाता है, जिसमें कंडोम सबसे कॉमन ऑप्शन है। इसकी मदद से न सिर्फ अनचाही प्रेग्नेंसी से बचाव होता है, बल्कि STD से भी बचाव होता है।
- हॉर्मोनल और इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव्स- कॉन्ट्रासेप्टिव्स का दूसरा प्रकार हॉर्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स होते हैं। यह 3 तरह के होते हैं, जिसमें कंबाइंड पिल्स, प्रोजेस्टेरोन ओनली पिल्स और इमरजेंसी पिल्स शामिल होती हैं। कंबाइंड पिल्स में में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन दोनों होते हैं और इ्हें 21 दिनों तक लगातार खाने के बाद पीरियड्स आते हैं। प्रोजेस्टेरोन ओनली पिल्स ब्रेस्टफीड करा रही महिलाओं के लिए असरदार होता है। वहीं, इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स अनप्रोटेक्टेड सेक्स के बाद 72 घंटे के अंदर ली जाती हैं। हालांकि, इन पिल्स का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।
- इंजेक्टेबल कॉन्ट्रासेप्शन- कॉन्ट्रासेप्शन का तीसरा तरीका इंजेक्टेबल होता है। इसमें \“डेपो मेड्रोक्सीप्रोजेस्टेरोन एसीटेट (डीएमपीए) इंजेक्शन\“ तीन-तीन महीने पर लगाए जाते हैं। इसके अलावा नसबंदी भी कॉन्ट्रासेप्शन एक परमानेंट तरीका था।
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