वैकुंठ चतुर्दशी पर संतान प्राप्ति की कामना के साथ सिद्धपीठ कमलेश्वर महादेव मंदिर में खड़ा दीया अनुष्ठान में शामिल महिलाएं।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: वैकुंठ चतुर्दशी पर संतान प्राप्ति की कामना के साथ 191 निसंतान दंपती सिद्धपीठ कमलेश्वर महादेव मंदिर में खड़ा दीया अनुष्ठान में शामिल हुए।
मंगलवार को गोधूलि बेला में शाम पांच बजकर 30 मिनट पर मंदिर के महंत आशुतोष पुरी ने अनुष्ठान में शामिल दंपतियों के हाथों में रखे दीपक प्रज्वलित कर अनुष्ठान का शुभारंभ किया।
महिलाओं की कमर में एक कपड़े में जुड़वा नींबू, श्रीफल, पंचमेवा और चावल की पोटली बांधी गई। तत्पश्चात सभी दंपतियों ने हाथ में जलते दीपक लेकर भगवान शिव की आराधना शुरू की।
बुधवार तड़के स्नान के बाद महंत द्वारा पूजा संपन्न कराई जाएगी और श्रीफल देकर व्रत तुड़वाया जाएगा। खड़ा दिया अनुष्ठान के लिए इस वर्ष 235 से अधिक दंपतियों ने पंजीकरण करवाया था।
महंत आशुतोष पुरी ने बताया कि 191 दंपतियों में से पांच दंपती ऐसे भी थे, जिन्होंने संतान कामना के बजाय विश्व शांति, संतान के उज्ज्वल भविष्य और स्वास्थ्य लाभ के लिए अनुष्ठान किया।
मंगलवार को अनुष्ठान आरंभ होने के बाद मंदिर परिसर में महिलाओं ने भजन-कीर्तन आरंभ किए। भक्ति गीतों की प्रस्तुति व शिव के जयकारे रातभर गूंजते रहे। परंपरा के अनुसार, दंपती पूरी रात जलते दीपक हाथ में लिए भगवान शिव की आराधना करते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
माना जाता है कि खड़ा दीया अनुष्ठान करने से संतान प्राप्ति होती है। अनुष्ठान में उत्तराखंड के अलावा अमेरिका, नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली, बेंगलुरु, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों और शहरों से दंपती शामिल हुए।
संतान की चाह में अमेरिका से पहुंचा परिवार
मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली राजश्री जैन अपने परिवार के साथ अमेरिका में रहती हैं। राजश्री जैन की कामना है कि उनकी विवाहित बेटी को संतान प्राप्ति का सुख मिले। जैसे ही उन्हें सिद्धपीठ कमलेश्वर महादेव मंदिर में होने वाले खड़े दिए अनुष्ठान के बारे में पता चला उन्होंने तत्काल अनुष्ठान में बेटी के साथ शामिल होने का मन बना लिया।
राजश्री जैन बताती हैं कि उन्हें यहां के बारे में उनकी सहेली रेखा मैठाणी से जानकारी मिली। बताती हैं कि 28 साल पूर्व उनकी सहेली को भी यहां अनुष्ठान कर संतान प्राप्ति हुई थी। बताया कि वह अपने पति और बेटी के साथ अनुष्ठान में पहुंची हैं।
वहीं दिल्ली से शशांक भी अपनी पत्नी के साथ अनुष्ठान में हिस्सा लेने पहुंचे हैं, जबकि अन्य दंपति विनोद-वंदना, सुमित-कल्पना, गौरव-संतोषी, महिपाल-मनीषा भी अनुष्ठान में शामिल हुए।
संतान प्राप्ति के बाद पहुंचे दंपतियों ने किया शिवार्पण
पूर्व में खड़ा दिया अनुष्ठान के बाद संतान प्राप्त करने वाले 25 दंपती बैकुंठ चतुर्दशी के अवसर पर कमलेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने अपने बच्चों को महंत की गोद में रख शिवार्पण किया।
कमलेश्वर महादेव मंदिर महंत आशुतोष पुरी ने बताया कि पूर्व के वर्षों में जिन दंपतियों ने अनुष्ठान किया व उन्हें संतान प्राप्त हुई वह आज मंदिर में पहुंचे। कहा कि अनुष्ठान के बाद महंत द्वारा श्रीफल दंपतियों को दिया जाता है, जब संतान प्राप्ति होती है तो उसके बाद दंपती बच्चे को लेकर मंदिर में पहुंचते हैं।
यहां बच्चे को महंत की गोद में रख शिवार्पण किया जाता है, क्योंकि शिव की कृपा से ही संतान प्राप्ति हुई है। इसके बाद महंत द्वारा मंत्रोच्चार के साथ बच्चे को स्वजन को सौंप दिया जाता है व उन्हें दिया श्रीफल ले लिया जाता है।
दर्शन के लिए भक्तों की उमड़ी रही भीड़
खड़े दिए अनुष्ठान के अवसर पर कमलेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। आलम यह रहा कि मंदिर परिसर से 500 मीटर तक लंबी कतार लगी रही। इस दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा मंदिर में भीड़ नियंत्रण को लेकर विशेष व्यवस्था की गई। साथ ही प्रवेश व निकासी के अलग अलग मार्ग बनाए गए।
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