112 दवाओं के सैंपल जांच में पाए गए घटिया। (प्रतीकात्मक)  
 
 
  
 
  
 
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय औषधि प्रयोगशालाओं ने सितंबर 2025 के मासिक ड्रग अलर्ट में विभिन्न कंपनियों द्वारा निर्मित 52 दवाओं के नमूनों को \“\“मानक से कम गुणवत्ता\“\“ (एनएसक्यू) घोषित किया है। इसी दौरान राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं ने 60 नमूनों को गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं पाया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि दवाओं की गुणवत्ता की यह जांच नियमित नियामक गतिविधियों के तहत की जाती है। हर महीने मानक से कम एवं नकली दवाओं की सूची सीडीएससीओ (सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गनाइजेशन) की वेबसाइट पर जारी की जाती है।  
 
अधिकारियों के अनुसार, \“\“इन दवाओं को गुणवत्ता के एक या अधिक पैमानों पर विफल पाया गया है। यह गुणवत्ता विफलता केवल उसी बैच तक सीमित है जिसका परीक्षण किया गया है और इसका असर बाजार में उपलब्ध अन्य दवाओं पर नहीं माना जाना चाहिए।\“\“  
 
नकली दवा का मामला  
 
सितंबर में छत्तीसगढ़ से एक दवा नमूना नकली पाया गया। यह दवा एक अनधिकृत निर्माता द्वारा एक अन्य कंपनी के ब्रांड नाम का दुरुपयोग करते हुए बनाई गई थी। इस मामले की जांच जारी है और कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।  
 
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि यह प्रक्रिया राज्य नियामक अधिकारियों के सहयोग से नियमित रूप से की जाती है ताकि मानक से कम या नकली दवाओं को समय पर बाजार से हटाया जा सके और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह कदम दवा गुणवत्ता मानकों को सख्ती से लागू करने और स्वास्थ्य सुरक्षा को प्राथमिकता देने के सरकार के निरंतर प्रयास का हिस्सा है।  
 
अगस्त में 94 दवाएं मिली थीं घटिया  
 
अगस्त 2025 में भी सीडीएससीओ ने कुल 94 दवाओं को एनएसक्यू घोषित किया था। आइएएनएस के मुताबिक, तब केंद्रीय प्रयोगशालाओं ने 32 और राज्य प्रयोगशालाओं ने 62 दवाओं के नमूनों को गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं पाया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि राज्य नियामकों के सहयोग से इन दवाओं को बाजार से हटाने की कार्रवाई की जा रही है ताकि जनस्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।  
 
(समाचार एजेंसी पीटीआई/आइएएनएस के इनपुट के साथ)  
 
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